कोन लैंपस पर नहीं की जा रही हाइब्रिड धान की खरीद

जागरण संवाददाता कोन(सोनभद्र) केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास सिर्फ कागजों पर दिखाइ दे रहा है। सरकारी केंद्रों पर हाइब्रिड धान खरीदने से सचिवों की तरफ से मना किया जा रहा है। इसके चलते किसान अपने उपज को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 09:23 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 09:23 PM (IST)
कोन लैंपस पर नहीं की जा रही हाइब्रिड धान की खरीद
कोन लैंपस पर नहीं की जा रही हाइब्रिड धान की खरीद

जागरण संवाददाता, कोन(सोनभद्र) : केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास सिर्फ कागजों पर दिखाइ दे रहा है। सरकारी केंद्रों पर हाइब्रिड धान खरीदने से सचिवों की तरफ से मना किया जा रहा है। इसके चलते किसान अपने उपज को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं।

इस वर्ष बारिश अच्छी होने के कारण किसानों की धान की खेती अच्छी हुई है, लेकिन अब किसानों के धान की पैदावार होने पर उसकी कीमत सही नहीं मिलने पर किसानों में नाराजगी देखी जा रही। कोन लैंपस पर सचिव की तरफ से हाइब्रिड धान को खरीदने से मना किया जा रहा है। इसके चलते किसान बहुत परेशान दिखाई दे रहे हैं। क्षेत्र की मिट्टी में महीन धान की पैदावार नहीं होती है। इसके चलते किसानों को मजबूरी में मोटे धान की खेती करनी पड़ती है। किसानों का हाइब्रिड धान कोन लैंपस लेने से इंकार कर रहा है। इसके चलते किसान मजबूर होकर खुले बाजार में बेचने को मजबूर होंगे। इसका फायदा बिचौलियों की तरफ से उठाया जा रहा है। किसानों ने कहा कि सरकारी खरीद नहीं होने पर हमलोग खेत मे ही छोटे व्यापारी को धान बेचने के लिए मजबूर हैं। उधर कोन लैंपस सचिव रामकृत का कहना है कि हमारे केंद्र पर 300 बोरा उपलब्ध है। किसान लैंपस पर महीन या संशोधित धान अपने नंबर के अनुसार जाएगा तो उसकी खरीद होगी। 20 रुपये क्विटल तौलाई का लगेगा और खरीद हो जाएगी। पिछले साल मोटे व हाइब्रिड धान खरीद हुई थी तो मिल मालिकों ने बहुत ज्यादा कटौती कर दिया था। इसकी भरपाई हम लोगों को वेतन से देना पड़ा था। इसके चलते इस वर्ष महीन धान की ही खरीद की जा रही है। बोले किसान

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हमारे क्षेत्र की मिट्टी में महीन धान की पैदावार नहीं होती है। इससे मजबूरी में मोटे धान की खेती करनी पड़ती है। खरीद नहीं होने से औने-पौने दाम पर बेचना पड़ता है।

- मटुकधारी।

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अगर हम लोग महीन धान पैदा नहीं करेंगे तो लागत भी नहीं निकल जाएगी। सरकारी केंद्रों पर हाइब्रिड धान खरीदने से मना किया जा रहा है।

- पवन तिवारी।

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सरकार हर दिन टीवी व अखबार के माध्यम से प्रचार करती है कि किसानों को हम फसल का वाजिब मूल्य दिलाएंगे, लेकिन धरातल पर इसका फायदा नहीं पहुंच रहा है।

- अब्दुल गफ्फार।

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कोन लैंपस के सचिव की तरफ से हाइब्रिड धान खरीदने से मना किया जा रहा है। अगर खरीद नहीं हुई तो मजबूरी में व्यापारियों को कम दाम पर बेचना पड़ेगा।

- मोतीलाल। बोले अधिकारी ..

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सभी तरह के धान की खरीद होगी। किसी भी धान खरीद पर रोक नहीं लगाई गई है। अगर इस तरह की शिकायत कहीं पर मिलती तो उसको दिखवाया जाएगा।

- संजय पांडेय, डिप्टी आरएमओ।

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