बिजली कटौती पर आधी रात को हाइवे जाम
जागरण संवाददाता दुद्धी (सोनभद्र) तहसील मुख्यालय की बद से बदतर हुई बिजली अनापूर्ति को लेकर भ
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : तहसील मुख्यालय की बद से बदतर हुई बिजली अनापूर्ति को लेकर भड़के नगरवासी रविवार की रात हाइवे जाम कर दिया। बिजली विभाग के साथ ही तहसील व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तब तक जुलूस की शक्ल में चक्रमण करते रहे, जब तक बिजली आपूर्ति बहाल नही हुई। इस दौरान हाइवे पर आधी रात को बैठे सैकड़ों लोगों की आक्रोशित भीड़ को कोतवाल पंकज सिंह ने काफी सूझ-बुझ के साथ मनाने में कामयाब हुए। दूसरी ओर बिजली विभाग के लापरवाह पूर्ण कार्यशैली से नाराज प्रशासनिक अधिकारियों ने रात में ही मामले से जिले का आला अधिकारियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए सोमवार को तहसील सभागार में अधिशासी अभियंता, सहायक एवं अवर अभियंता को तलब किया।
एसडीएम व सीओ की अगुवाई में बिजली विभाग व प्रबुद्ध वर्ग के साथ करीब दो घंटे चले हंगामेदार बैठक में वक्ताओं ने संबंधित अभियंताओं को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि हमे बहाना व समस्या नहीं निदान चाहिए। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, कुलभूषण पांडेय, रामपाल जौहरी समेत अन्य कई अधिवक्ताओं ने दो टूक शब्दों में चेताया कि यदि वे अपनी लापरवाह पूर्ण कार्यशैली में सुधार नहीं लाये, तो हम अधिवक्ता स्वयं वादी बनकर लापरवाह लोक सेवकों के खिलाफ वाद दायर करने को बाध्य होंगे। वहीं चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि, भाजपा नेता सुरेंद्र अग्रहरि, दिलीप पांडेय आदि वक्ताओं ने बैठक में मौजूद अभियंताओं को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि वे एक साजिश के तहत जानबूझ कर सरकार की छवि धूमिल करने के फिराक में है। जिससे जनता परेशान होकर सरकार के खिलाफ खड़ा हो सके। इसका विपक्षी पार्टियों का फायदा मिले। व्यापार मंडल से जुड़े कन्हैया लाल, सुरेंद्र गुप्ता समेत कई अन्य लोगों ने बार बार आने वाली तकनीकी समस्याओं की ओर ध्यान इंगित कराते हुए उसका स्थाई निराकरण कराने की बात रखी। पांच दिन में समस्याओं का होगा निस्तारण : अधिशासी अभियंता
आक्रोशित जनों के घंटों शब्दबाण झेलने के बाद पीसीसीएल के अधिशासी अभियंता शुमेंद्रूशाह ने प्रबुद्धवर्ग एवं प्रशासनिक अधिकारियों को विभागीय, भौगोलिक एवं प्राकृतिक समस्याओं का बिजली व्यवधान में समस्या गिनाते हुए बैठक में मौजूद लोगों से पांच दिन में व्यवस्था पटरी पर लाने की बात कही। इस पर उपजिलाधिकारी रमेश कुमार ने उन्हें सात दिन का समय देते हुए नियमित कार्य प्रगति की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।