अरे कोरोना तोहरे आगे अब सब हो गयल बा बौना

- हास्य कवि सम्मेलन जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) एनटीपीसी विध्याचल में आनलाइन अखिल भारत

By JagranEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 04:55 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 04:55 PM (IST)
अरे कोरोना तोहरे आगे अब सब हो गयल बा बौना
अरे कोरोना तोहरे आगे अब सब हो गयल बा बौना

- हास्य कवि सम्मेलन जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : एनटीपीसी विध्याचल में आनलाइन अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। शुभारंभ महाप्रबंधक (मानव-संसाधन) उत्तम लाल ने किया। कहा कि इस महामारी के समय में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन लोगों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार कर नीरसता को जीवंतता प्रदान करेगा। कार्यकारी निदेशक मुनीश जौहरी ने कहा कि राजभाषा अनुभाग द्वारा हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन एक सराहनीय कदम है।

सहायक प्रबंधक (मानव संसाधन-राजभाषा) एलएम पांडेय ने अतिथियों का स्वागत कर कवि सम्मेलन के विषय में जानकारी दी। संचालन कर रहे कवि योगेंद्र मिश्रा ने चेहरे को टेढ़ा किए, चिपकाएं मुस्कान, स्टेटस अपडेट है, सेल्फी एट श्मशान आदि प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य-गोष्ठी का शुभारंभ नई दिल्ली से जुड़े रंगकर्मी सुशील शर्मा ने आज वो बोली मुझसे सुनो ये सनम, देखो लगती हूं कैसी कहो ये सनम सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। वाराणसी की कवियत्री एवं टीवी फिल्म कलाकार डा. पूर्णिमा भारती ने रूप सागर बनकर तुम रहोगे कहीं भी, मैं नदी बन बहूंगी तुम्हारे लिए को सुनाकर सभी को ठहाके लगाने पर विवश कर दिया। वाराणसी के कवि चकाचौध ज्ञानपुरी प्रोफेसर अजय कुमार श्रीवास्तव ने अरे कोरोना तोहरे आगे अब सब हो गयल बा बौना, सुनाकर सबका दिल जीत लिया। धन्यवाद ज्ञापन अपर महाप्रबंधक पीके विश्वास ने किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक सोमेस बशेपाध्याय, विपन कुमार आदि उपस्थित रहे।

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