प्राकृतिक संपदाओं के दोहन से विलुप्त हो रही हरियाली

एक तरफ सरकार गरीबी उन्मूलन पर्यावरण संरक्षा के लिए प्रतिवर्ष व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर सरकारी खजाने से भारी भरकम धनराशि खर्च की जाती है। दूसरी ओर क्षेत्र के वनों एवं नदी नालों से प्रतिदिन प्राकृतिक संपदाओं का दोहन हो रहा है। क्षेत्र के वनों से सैकड़ों टन लकड़ी जलावनी के नाम पर निकालकर बाजारों में नियमित रूप से बेची जा रही है। इससे न सिर्फ प्रतिवर्ष होने वाले पौधारोपण का बल्कि क्षेत्र के घने जंगलों का अस्तित्व भी सिमटने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 09:57 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:57 PM (IST)
प्राकृतिक संपदाओं के दोहन से विलुप्त हो रही हरियाली
प्राकृतिक संपदाओं के दोहन से विलुप्त हो रही हरियाली

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : एक तरफ सरकार गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षा के लिए प्रतिवर्ष व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर सरकारी खजाने से भारी भरकम धनराशि खर्च की जाती है। दूसरी ओर क्षेत्र के वनों एवं नदी नालों से प्रतिदिन प्राकृतिक संपदाओं का दोहन हो रहा है। क्षेत्र के वनों से सैकड़ों टन लकड़ी जलावनी के नाम पर निकालकर बाजारों में नियमित रूप से बेची जा रही है। इससे न सिर्फ प्रतिवर्ष होने वाले पौधारोपण का, बल्कि क्षेत्र के घने जंगलों का अस्तित्व भी सिमटने लगा है।

जीवंतता के लिए शुद्ध हवा देने वाले जंगलों के लगातार दोहन से क्षेत्र के कई जंगलों से हरियाली विलुप्त हो चुकी है। इसमें दुद्धी, विढमगंज, म्योरपुर, बभनी, जरहा समेत तमाम वन बाहुल्य इलाकों में अक्सर वन माफियाओं द्वारा बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी तो होता ही है, उससे बड़ी गंभीर समस्या गांव गिराव के गरीब ग्रामीणों द्वारा उत्पन्न की जा रही है। ऐसा सिर्फ तहसील मुख्यालय पर नहीं बल्कि विढमगंज, महुली, बघाडू, अमवार, सागोंबांध, म्योरपुर, बीजपुर, बभनी, बचरा, जिगन्ह्वा, आसनडीह, रेणुकूट, डाला आदि बाजारों में भी सामान्य तौर पर देखने को मिलता है। दुरूह क्षेत्र के गांव व वनों में आबाद लोगों की आजीविका के लिए सरकारी प्रयास सरकारी फाइलों तक ही सिमटी हुई है। जो लोगों को दो जून की रोटी के लिए जंगलों का दोहन करने के लिए विवश कर रही है। जंगल बचाने के लिए चलाया जा रहा अभियान : वन क्षेत्राधिकारी

दुद्धी वन क्षेत्राधिकारी दिवाकर दुबे ने बताया कि अक्सर जंगलों में छापामारी कर उनके खिलाफ कारवाई की जाती है। इन दिनों जंगल बचाओ अभियान शुरू कर समूचे वन क्षेत्र पर विशेष नजर रखी जा रही है। अभियान के तहत अवैध कटान, वन भूमि पर अतिक्रमण आदि के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

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