पूर्व नक्सलियों ने मांगा भूमि का पट्टा व शुद्ध पानी
सोनभद्र कभी हंसते खेलते परिवार की खुशियां छिनने व पुलिस की नींद हराम करने वाले नक्सली जब सजा काटकर बाहर आए तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। पढ़े-लिखे लोगों की संगत मिली तो वे जागरूक हुए और समाज की मुख्य धारा से जुड़ने लगे। आज वे भी सामान्य जिदगी जी रहे हैं। शासन-प्रशासन भी उनकी हर जरूरत को पूर्ण करने के लिए अपनी तरफ से पूरा जोर लगाया हुआ है। पुलिस लाइन में पूर्व नक्सलियों की
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : कभी हंसते खेलते परिवार की खुशियां छीनने व पुलिस की नींद हराम करने वाले नक्सली जब सजा काटकर बाहर आए तो उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ। पढ़े-लिखे लोगों की संगत मिली तो वे जागरूक हुए और समाज की मुख्य धारा से जुड़ने लगे। आज वे भी सामान्य जिदगी जी रहे हैं। शासन-प्रशासन भी उनकी हर जरूरत को पूर्ण करने के लिए अपनी तरफ से पूरा जोर लगाया हुआ है। पुलिस लाइन में पूर्व नक्सलियों की समस्याओं को सुनने के लिए एक बैठक बुधवार को की गई। इस दौरान एक-एककर उनकी समस्या सुनी गई और निस्तारण का अधिकारियों ने भरोसा दिया।
90 के दशक में शुरू हुआ नक्सलवाद सोनांचल की धरती पर 21वीं सदी के पहले दशक तक चला। दूसरे दशक की शुरुआत के साथ ही इसका भी अंत हो गया। जिस समय नक्सलवाद चरम पर था उस समय यहां के सैकड़ों लोग ऐसे थे जो नक्सलियों के बहकावे में आकर समाज की मुख्य धारा से भटक गए थे। इसलिए उन्होंने बंदूक उठा ली। बाद में जब उन्हें गलती का अहसास हुआ तो समाज की मुख्य धारा से जुड़ने लगे। दोषमुक्त हो चुके ऐसे ही 132 पूर्व नक्सलियों के साथ पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों ने बैठक किया। इसमें उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया। इस बैठक में कोन क्षेत्र में पानी की समस्या बतायी गई तो वहीं कइयों ने आवासीय भूमि के लिए पट्टे दिलाने की मांग की। कुछ ने आवास तो कुछ ने अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का अनुरोध किया।
बैठक में एसपी आशीष श्रीवास्तव ने सभी से कहा कि अगर उन्हें बरगलाने की कोई कोशिश करता है तो इसके बारे में तत्काल हमें बताएं। साथ ही जो भी समस्याएं हैं उसके बारे में बिना किसी डर, बगैर किसी संकोच के कहें। हर समस्या का समाधान कराया जाएगा। इसमें डीडीओ रामबाबू त्रिपाठी, पीडी आरएस मौर्या, डीएसओ डा. राकेश तिवारी आदि मौजूद थे।