तापमान में उतार चढ़ाव जारी, शाम को बढ़ रही ठंड

जागरण संवाददाता सोनभद्र सोनांचल में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में उतार चढ़ाव के कारण कभी ठंडा तो कभी गर्मी लोगों की सेहत को प्रभावित कर रहा है। मौसम में उतार चढ़ाव के कारण लोग तमाम प्रकार की मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं शाम होते ही सर्द हवाएं चलने से गलन बढ़ जा रही है और लोग घरों में कैद हो जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:28 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:28 PM (IST)
तापमान में उतार चढ़ाव जारी, शाम को बढ़ रही ठंड
तापमान में उतार चढ़ाव जारी, शाम को बढ़ रही ठंड

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोनांचल में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में उतार चढ़ाव के कारण कभी ठंडा तो कभी गर्मी लोगों की सेहत को प्रभावित कर रहा है। मौसम में उतार चढ़ाव के कारण लोग तमाम प्रकार की मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं शाम होते ही सर्द हवाएं चलने से गलन बढ़ जा रही है और लोग घरों में कैद हो जा रहे हैं।

सोनांचल में मौसम में बदलाव का असर अब तेजी से देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के राजन सिंह के अनुसार शनिवार को अधिकतम तापमपान 25.2 डिग्री व न्यूनतम 10.5 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 26.0 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 10.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। तापमान में लगातार उतार चढ़ाव के कारण कभी मौसम गर्म तो कभी ठंडा हो जा रहा है। इसका नतीजा है कि लोगों की सेहत प्रभावित हो रही है। मौसम में लगातार बदलाव के कारण लोग तमाम प्रकार की मौसमी बीमारियों, सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी आदि से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वर्तमान में मौसमी बीमारियों के मरीजों की सबसे अधिक अस्पतालों में भीड़ देखी जा रही है। शनिवार की भोर में गलन अधिक रही, जबकि सुबह 10 बजे के बाद धूप खिलने पर लोगों ने गर्मी का एहसास किया। वहीं शाम चार बजे के बाद हवाएं चलने लगी। सर्द हवाओं के कारण शाम को गलन बढ़ने लगी। ठंड बढ़ने के कारण अंधेरा होने ही बाजारों में लोगों की आवाजाही कम होने लगी। ठंड बढ़ने के कारण रात नौ बजे के बाद बाजार में सन्नाटा नजर आने लगा। उधर मौसम में लगातार उतार चढ़ाव के कारण किसानों की चिता भी बढ़ गई है। किसान अपने धान की कटाई और मड़ाई का कार्य भी तेजी से कर रहे हैं। किसानों को इस बात की चिता सता रही है कि मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से कहीं बारिश न हो। अगर बारिश हुई तो उनकी पकी धान की फसल को नुकसान पहुंचेगा, साथ ही खलिहान में काटकर रखी पकी फसल भी खराब हो सकती है।

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