लौवा नदी पर बना रपटा बहने से चार राज्य प्रभावित

नेशनल हाईवे-39 के बीड़र गांव के समीप लौवा नदी पर निर्मित रपटा (कच्चा पुल) बहने से सीधे तौर पर चार राज्यों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। मार्ग परिवर्तित होने से सैकड़ों वाहनों को 50-60 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर गंतव्य के लिए जाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:50 PM (IST)
लौवा नदी पर बना रपटा बहने से चार राज्य प्रभावित
लौवा नदी पर बना रपटा बहने से चार राज्य प्रभावित

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : नेशनल हाईवे-39 के बीड़र गांव के समीप लौवा नदी पर निर्मित रपटा (कच्चा पुल) बहने से सीधे तौर पर चार राज्यों के लोग प्रभावित हो रहे हैं। मार्ग परिवर्तित होने से सैकड़ों वाहनों को 50-60 किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर गंतव्य के लिए जाना पड़ रहा है।

इस राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रतिदिन झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा की ओर से आने वाली सैकड़ों भारी वाहन प्रदेश के विभिन्न शहरों के साथ ही मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के लिए जाते हैं। इसमें अधिकतर कच्चे मालवाहक के साथ सैन्य उपकरणों के ले जाने वाले वाहन होते है। इसके साथ ही आबकारी, एल्मुनियम, कोयला, सब्जी, फल आदि का भी ढुलान इसी मार्ग से होता है।

राहत यह कि शनिवार को क्षतिग्रस्त रपटा को दुरुस्त करने के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा भारी मात्रा में पत्थर एवं पाइप मंगा लिया है, कितु पहाड़ी नदी के जलप्रवाह तेज होने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार सिंह लगातार मातहतों के साथ चर्चा कर उसे दुरुस्त कराने में लगे हुए हैं।

जागरण द्वारा बीते कई माह से खबरों के माध्यम से इस समस्या को लेकर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के साथ ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का तंद्रा भंग करने का प्रयास किया गया था, कितु सब ढाक के तीन पात वाली कहावत बनकर चरितार्थ हुई। कार्यदायी संस्था द्वारा हाईवे के इस बहुप्रतीक्षित पुल निर्माण को लेकर शुरू से ही लापरवाही बरतने का कार्य किया। परिणामस्वरूप शुक्रवार की भोर में भारी जल दबाव में अस्थाई रपटा बह गया।

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