समय से बारिश होने पर धान की नर्सरी डालने में जुटे किसान

सोनांचल में पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश से किसान खुश दिख रहे हैं। अक्सर सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए इस बार मानसून राहत लेकर आया है। किसान धान की नर्सरी डालने के लिए खेतों का रुख कर लिए हैं। समय से अगर धान की नर्सरी डाली जाएगी तो बारिश होने पर रोपाई भी समय से शुरू हो जाएगी। इससे अच्छी पैदावार होगी। मध्यम व देर से पकने वाली किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते तक और जल्दी पकने वाली किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते से तीसरे हफ्ते तक करने का उपयुक्त समय माना जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:23 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:23 PM (IST)
समय से बारिश होने पर धान की नर्सरी डालने में जुटे किसान
समय से बारिश होने पर धान की नर्सरी डालने में जुटे किसान

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोनांचल में पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश से किसान खुश दिख रहे हैं। अक्सर सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए इस बार मानसून राहत लेकर आया है। किसान धान की नर्सरी डालने के लिए खेतों का रुख कर लिए हैं। समय से अगर धान की नर्सरी डाली जाएगी तो बारिश होने पर रोपाई भी समय से शुरू हो जाएगी। इससे अच्छी पैदावार होगी। मध्यम व देर से पकने वाली किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते तक और जल्दी पकने वाली किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते से तीसरे हफ्ते तक करने का उपयुक्त समय माना जाता है। 25 दिन तक रोपाई पर मिलेगी अच्छी पैदावार

इस बार बारिश समय से पहले होने पर किसान खेती-किसानी में जुट गए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो धान की नर्सरी डालने के 21 से 25 दिन के अंदर रोपाई कर देनी चाहिए। इससे पैदावार अच्छी होगी। देर से रोपाई करने पर पैदावार प्रभावित होती है। अगर धान की नर्सरी डालने के एक महीने बाद रोपाई करेंगे तो प्रतिदिन 40 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से पैदावार में कमी आएगी। 2225 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की नर्सरी का लक्ष्य

अच्छी बारिश के बाद जनपद में धान की नर्सरी तैयार करने के लिए किसान तेजी से जुटे गए हैं। धान बीज की खरीद शुरू हो चुकी है। जिले में इस बार 2225 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की नर्सरी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। देर से तैयार होने वाले धान की नर्सरी डालने का इस समय पीक आवर चल रहा है। वर्जन--

किसान नर्सरी डालने से पहले उन्नतशील बीज का चयन कर लें। बीज जनित बीमारियों से बचाव के लिए बीज का शोधन अवश्य करें। जिले के सभी राजकीय बीज भंडारण केंद्र पर धान उपलब्ध है। किसान वहां से बीज लेकर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

-पीयूष राय, कृषि अधिकारी।

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