वैज्ञानिक खेती व आर्थिक आत्मनिर्भर बनने पर जोर
भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित एवं फार्ड फाउंडेशन व आईसीएआर-आईआइवीआर की ओर से संचालित बायोटेक-किसान परियोजना के लिए चयनित चार आकांक्षी जिलों में से एक सोनभद्र का फॉर्ड फाउंडेशन के सदस्यों ने शनिवार को कई गांवों का निरीक्षण किया। इस दौरान किसानों से तकनीकी खेती करने एवं अपनाने पर जोर दिया गया। काशी हिन्दू विश्व
जागरण संवाददाता , सोनभद्र : भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित एवं फार्ड फाउंडेशन व आइसीएआर-आइआइवीआर की ओर से संचालित बायोटेक-किसान परियोजना के लिए चयनित चार आकांक्षी जिलों में से एक सोनभद्र का फॉर्ड फाउंडेशन के सदस्यों ने शनिवार को कई गांवों का निरीक्षण किया। इस दौरान किसानों से तकनीकी खेती करने एवं अपनाने पर जोर दिया गया।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं फॉर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.पंजाब सिंह ने बताया कि फार्ड फाउंडेशन कृषि क्षेत्र से जुड़े एवं इससे नए जुड़ने वाले किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। जिससे किसानों में जागरूकता का विस्तार हो और उनको नई तकनीक की जानकारी मिल सके। कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत चयनित गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) द्वारा किसानों का क्लस्टर बनाकर कृषि उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने की बात कही। किसानों को मुर्गी, बकरी, मछली, मधुमक्खी पालन करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि बीज शोधन में इच्छुक किसानों को देश के प्रतिष्ठित संस्थाओं में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके। आईआईवीआर के निदेशक डा.जगदीश सिंह ने बताया कि सभी चयनित जिलों के गांवों में किसानों को धान के साथ सब्जी के बीजों का भी वितरण किया गया है। इस मौके पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो.शिवराज सिंह, डा.नीरज सिंह, डा.संतोष कुमार सिंह, डा. उमेश सिंह, डा. विनोद कुमार सिंह, सत्य प्रकाश देव पांडेय, मधुकर पटेल, विद्यापति आदि रहे।