बिजली की मांग में तीन हजार मेगावाट की कमी

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) कोयला संकट के बीच प्रदेश में हुई बारिश ने बिजली के माम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:49 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:49 PM (IST)
बिजली की मांग में तीन हजार मेगावाट की कमी
बिजली की मांग में तीन हजार मेगावाट की कमी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : कोयला संकट के बीच प्रदेश में हुई बारिश ने बिजली के मामले में भारी राहत दी है। सोमवार को पूरे प्रदेश में हुई बारिश के कारण बिजली की मांग में भारी कमी आई है। जिसके कारण कोयले की कमी से जूझ रही तापीय परियोजनाओं को भारी राहत मिली है। सोमवार को पीक आवर के दौरान बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग में रविवार के सापेक्ष तीन हजार मेगावाट के करीब कमी आई। पीक आवर के दौरान आई इस भारी कमी से ऊर्जा निगमों ने लगभग दो सप्ताह बाद राहत की सांस ली। बीते शनिवार के सापेक्ष अधिकतम प्रतिबंधित मांग में पांच हजार मेगावाट की भारी कमी हुई है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम की अनपरा, ओबरा, हरदुआगंज एवं पारीछा तापीय परियोजना सहित प्राइवेट और केंद्रीय सेक्टर की इकाइयों के सामने पिछले दो सप्ताह से कोयला संकट बना हुआ है। मंगलवार को भी प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश जारी रहने के कारण दिन में तीन बजे बिजली की मांग 10 हजार मेगावाट से भी कम हो गई थी। बिजली की मांग कम होने के कारण ज्यादातर इकाइयों को आधी क्षमता पर चलाया जा रहा था। जिससे कोयला खर्च काफी कम हो गया। यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक सोमवार पीक आवर के दौरान प्रतिबंधित मांग 14775 मेगावाट दर्ज की गई। जबकि रविवार को मांग 17763 मेगावाट तथा शनिवार को 19958 मेगावाट दर्ज की गई थी। मांग में आई भारी कमी के कारण बीते 10 अक्टूबर के बाद सोमवार को एनर्जी एक्सचेंज से हजार मेगावाट से कम बिजली लेनी पड़ी। सोमवार को मात्र 849 मेगावाट बिजली एनर्जी एक्सचेंज से लेनी पड़ी। इसके अलावा केंद्रीय पूल से भी मात्र 7633 मेगावाट बिजली ही लेनी पड़ी। सोमवार को प्रदेश में सामान्य 1.6 मिलीमीटर के सापेक्ष 28.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। इसके कारण मांग में भारी कमी आयी है। दिन में उत्पादन रखा गया कम

प्रदेश में हो रही बारिश के कारण मंगलवार दिन में ज्यादातर इकाइयों को कम क्षमता पर चलाया गया। बिजली की मांग में कमी के कारण अनपरा अ तापघर की 210 मेगावाट वाली तीन इकाइयों से 346 मेगावाट, अनपरा बी में 500 मेगावाट वाली दो इकाइयों से 537 मेगावाट, अनपरा डी की दो इकाइयों से 542 मेगावाट तथा ओबरा की 200 मेगावाट वाली चार इकाइयों से 412 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर मांग में कमी को देखते हुए परीछा और हरदुआगंज की छह इकाइयों का रिजर्व शटडाउन जारी रहा।

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