बिल्ली-मह्दहिया के बीच दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-सिगरौली रेलखंड के पूरे हिस्से में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की प्रक्रिया और तेज हो गयी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 09:31 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 06:08 AM (IST)
बिल्ली-मह्दहिया के बीच दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन
बिल्ली-मह्दहिया के बीच दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-सिगरौली रेलखंड के पूरे हिस्से में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। इस रेलखंड के गढ़वा से चोपन के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चल रही है लेकिन, बिल्ली जंक्शन से मह्दहिया के बीच अभी विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है। इसमें बिल्ली से करैला रोड तक कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी का निरीक्षण हो गया है। फिलहाल करैला रोड से वाया सिगरौली होते हुए मह्दहिया तक विद्युतीकरण का कार्य अंतिम दौर में है। जिससे संभावना है कि उक्त हिस्से के निरीक्षण के लिए जल्द कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी का दौरा हो सकता है।

दरअसल, पिछले माह बिल्ली से करैला रोड के बीच हुए ट्रायल के बाद दैनिक तौर पर विद्युत लाइन के देखरेख और मरम्मत का कार्य चल रहा है। लगातार ओवर हेड इक्युपमेंट कार से लाइन को अनुकूल बनाया जा रहा है। देश के सबसे ज्यादा व्यस्त मालवाहक रूट के तौर पर गढ़वा-सिगरौली रेलखंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन से रेलवे को काफी लाभ होने की संभावना है। देश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले मंडलों में दूसरे नंबर के पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल के इस रेलखंड को 25 केवी क्षमता के चार विद्युत उपकेंद्रों से विद्युत आपूर्ति होगी। वर्तमान में चोपन गढ़वा के बीच चल रहे इलेक्ट्रिक ट्रेन के संचालन में विद्युत आपूर्ति ओबरा कर्षण उपकेंद्र से ही हो रही है। विद्युतीकरण में कई बार आई बाधा

पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-सिगरौली रेलखंड के विद्युतीकरण में कई बार बाधाएं सामने आई। बीते नवंबर 2018 में रेलवे ने देरी के कारण विद्युतीकरण कर रही कंपनी ईएमसी लिमिटेड को टर्मिनेट कर दिया था। कंपनी को टर्मिनेट करने में विद्युतीकरण में देरी के साथ कई अन्य पहलुओं को भी जिम्मेदार माना गया था। विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2014 से चल रहा था जिसे 2016 में पूरा होना था। लेकिन वर्ष 2018 के अंत तक रेलखंड के बड़े हिस्से का कार्य पूरा नहीं हो पाया था। रेलवे ने ईएमसी कम्पनी के सभी भुगतान रोकते हुए कई तकनीकी कार्यवाही की थी। देरी की वजह से रेलवे ने ईएमसी पर नौ लाख प्रतिमाह का पेनाल्टी भी लगा दिया था। साथ ही रेट रिविजन की मांग भी ठुकरा दी थी। इसके कारण विद्युतीकरण का कार्य चार महीने तक रुका हुआ था।

मार्च 2019 में पुन: विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ। बताते चलें कि गढ़वा रोड-चोपन-सिगरौली रेलखंड के 257 किलोमीटर के हिस्से में विद्युतीकरण हो रहा है। अक्टूबर 2013 में रूट के हिसाब से 257 किमी लंबे गढ़वा रोड-सिगरौली रेल मार्ग के विद्युतीकरण कार्य को अनुमति प्रदान की गई। ट्रैक रूट के हिसाब से यह दूरी 347 किमी थी। जनवरी 2014 से रूट के विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2014 से लगभग 250 करोड़ की लागत से शुरू हुए कार्य में गढ़वा रोड से चोपन तक पिछले वर्ष इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने में सफलता मिल चुकी है। ईंधन खर्च में भारी कमी आएगी

गढ़वा-चोपन रेलखंड के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से रेलवे के राजस्व में वृद्धि हो सकती है। पिछले वित्त वर्ष में धनबाद मंडल ने 132 मिलियन टन लोडिग कर नया इतिहास रचा था। पूर्व मध्य रेल के सभी मंडलों में से अकेले धनबाद मंडल द्वारा वर्ष 2018-19 में 132 मिलियन टन माल लदान किया गया जो पिछले वित्त वर्ष में किए गए 123.3 मिलियन टन की तुलना में 8.7 मिलियन टन ज्यादा है। धनबाद मंडल के राजस्व में नादर्न कोलफील्ड से निकने वाले कोयले के परिवहन से काफी हिस्सा आता है। अब गढ़वा-सिगरौली रेलखंड के पूरे हिस्से में विद्युतीकरण पूरा होने से रेलवे के ईधन खर्च में भारी कमी आएगी।

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