चोपन से करैला रोड के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल

पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-सिगरौली रेलखंड में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की प्रक्रिया और तेज हो गयी है।रविवार को चोपन-करैला रोड के बीच पहली बार इलेक्ट्रिक लोको का ट्रायल किया गया।इससे पहले कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी मो लती़फ खान ने बिल्ली रेलवे जक्शन से करैला रोड के बीच हुए विधुतीकरण

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 06:49 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 09:36 PM (IST)
चोपन से करैला रोड के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल
चोपन से करैला रोड के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : पूर्व मध्य रेलवे के गढ़वा रोड-सिगरौली रेलखंड में इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की प्रक्रिया और तेज हो गई है। रविवार को चोपन-करैला रोड के बीच पहली बार इलेक्ट्रिक लोको का ट्रायल किया गया।

इससे पहले कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी मो लतीफ खान ने बिल्ली रेलवे जक्शन से करैला रोड के बीच हुए विद्युतीकरण का गहनता से निरीक्षण किया। श्री लतीफ सहित उनके साथ आई टीम ने विद्युतीकरण के एक एक हिस्से का तकनीकी पूर्ण तरीके से जायजा लिया। सबसे पहले भलुआ स्थित लेबल क्रासिग गेट पर निरीक्षण किया गया। उसके बाद ओबरा ए केबिन, 132/25 केवी कर्षण विद्युत उपकेन्द्र, 400 केवी पारेषण लाइन, ओबरा डैम पुल पर अर्थ वैल्यू, मगरदहा रेलवे स्टेशन, स्विच स्टेशन, मगरदहा नाला पुल एवं करैला रोड स्टेशन आदि का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एडीआरएम अशोक कुमार, मुख्य परियोजना निदेशक एके चौधरी, उप मुख्य अभियंता अशोक कुमार, कृष्णा कुमार, सहायक अभियंता शम्भू नाथ, अखिलेश वर्मा, डीटीएम राजीव रंजन, चीफ यार्ड मास्टर आरसी भारती, ओबरा डैम स्टेशन मास्टर अलोक कुमार ओझा, हरिमोहन, अभिषेक रंजन, पुरंजय कुमार सिंह, एमए खान, मंजीत सिंह, बालक राम दत्ता, अनमोल क्रुजू, प्रदीप कुमार आदि थे। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से बढ़ेगा राजस्व

गढ़वा-चोपन रेलखंड के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से रेलवे के राजस्व में वृद्धि हो सकती है। पिछले वित्त वर्ष में धनबाद मंडल ने 132 मिलियन टन लोडिग कर नया इतिहास रचा था । पूर्व मध्य रेल के सभी मंडलों में से अकेले धनबाद मंडल द्वारा वर्ष 2018-19 में 132 मिलियन टन माल लदान किया गया जो पिछले वित्त वर्ष में किए गए 123.3 मिलियन टन की तुलना में 8.7 मिलियन टन ज्यादा है। धनबाद मंडल द्वारा वर्ष 2018-19 में गत वर्ष की तुलना में माल लदान में 7 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई जो 100 मिलियन टन लदान करने वाले भारतीय रेल के चार मंडलों में प्रथम है। इससे मंडल को 15 हजार 700 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। धनबाद डिवीजन ने पिछले वर्ष 13 हजार 63 करोड़ रुपये राजस्व कमाया था।

वर्ष 2010-2011 में पांच हजार करोड़ रुपये आमदनी के क्लब में शामिल हुआ था। वर्ष 2015-2016 में यह आदमनी 10 हजार करोड़ रुपए के पार गई थी। अब तीन साल के बाद फिर मंडल ने पांच हजार करोड़ रुपये की लंबी छलांग लगाई है। धनबाद मंडल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण पूर्व मध्य रेलवे ने भी भारतीय रेल के सभी क्षेत्रीय जोन में माल लदान एवं आय के ²ष्टिकोण से वर्ष 2018-19 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।पूर्व मध्य रेल द्वारा वर्ष 2018-19 में 137.38 मिलियन टन का लदान किया गया जो पिछले वित्तीय वर्ष में किए गए 128.63 मिलियन टन की तुलना में 8.75 मिलियन टन अधिक है। अब गढ़वा सिगरौली के 90 फीसद हिस्से में विद्युतीकरण पूरा होने से लोडिग में जहां लाभ होगा।

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