फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी, आठ शिक्षकों की सेवा समाप्त

जागरण संवाददाता सोनभद्र फर्जी ढंग से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर पिछले कई वर्ष से अधिक समय स

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:56 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:56 PM (IST)
फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी, आठ शिक्षकों की सेवा समाप्त
फर्जी प्रमाण-पत्र पर नौकरी, आठ शिक्षकों की सेवा समाप्त

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : फर्जी ढंग से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर पिछले कई वर्ष से अधिक समय से नौकरी करने वाले आठ शिक्षकों को बुधवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त करने के अलावा बीएसए ने संबंधित एबीएसए को शिक्षकों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ-साथ रिकवरी करने का आदेश दिया। बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्रवाई के बाद से महकमें में अफरातफरी का माहौल है।

बीएसए ने बताया कि जिले में वर्ष 2015 से 2017 तक के बीच दिव्यांग कोटे से नौकरी करने वाले आठ शिक्षकों के प्रमाण पत्र को लेकर कई शिकायतें मिली थी, जिसके बाद इसकी जांच शुरू हुई। जांच के दौरान 29 अक्टूबर 2020 को बीएचयू मेडिकल बोर्ड में आयोजित दिव्यांगता परीक्षण में उक्त शिक्षकों को अयोग्य घोषित किया गया। इसके बाद 18 मार्च 2021 को मुख्य चिकित्साधिकारी (सोनभद्र) ने सभी शिक्षकों का दिव्यांग प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया गया। 18 जून को जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के निर्देश पर त्रिस्तरीय जांच समिति गठित कर दी। समिति के अध्यक्ष अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने 22 जून के आदेश के बाद सभी शिक्षकों का सेवा समाप्ति का आदेश दिया गया है। इन पर हुई कार्रवाई

घोरावल ब्लाक में तैनात चार दिव्यांग शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है। जिसमें सहायक अध्यापक अभिषेक सिंह, संतोष यादव, रामप्रसाद व रुचि राय हैं। इसके अलावा तीन शिक्षक सदर ब्लाक के हैं। जिसमें सहायक अध्यापक स्वर्ण लता, प्रदीप कुमार देव पांडेय, राजेश कुमार यादव हैं। चतरा ब्लाक के एक शिक्षक सुभाष चंद्र मौर्य की सेवा समाप्त की गई है। 82 शिक्षकों की हुई थी जांच

जनपद में फर्जी ढंग से प्रमाण पत्र बनवाकर नियुक्ति पाने की शिकायत पर जनपद में वर्ष 2010 के बाद से नियुक्त 82 दिव्यांग शिक्षकों की जांच कराई गई थी। मुख्य चिकित्साधिकारी के देखरेख में गठित मेडिकल बोर्ड ने 20 जनवरी से 13 फरवरी 2020 तक सभी शिक्षकों की जांच की गई। इसके बाद जिले में गठित बोर्ड ने 38 दिव्यांग शिक्षकों की जांच के लिए बीएचयू रेफर किया गया। यहां पर जांच के दौरान आठ दिव्यांग शिक्षकों की दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सापेक्ष सही नहीं मिला, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

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