दर्जनभर इकाइयों की बंदी से गहराया बिजली संकट

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) बीते  वित्त  वर्ष  में जहां औसतन पीक आवर में बिजली की डिमांड लगभग 17000 मेगावाट से ज्यादा रही है वहीं इसके वित्त  वर्ष 2022 में 24777 मेगावाट  तक  बढ़ने का आकलन केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। कुल  बिजली  की जरूरत वर्तमान 10

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 05:17 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 09:02 PM (IST)
दर्जनभर इकाइयों की बंदी से गहराया बिजली संकट
दर्जनभर इकाइयों की बंदी से गहराया बिजली संकट

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : बीते वित्त वर्ष में जहां औसतन पीक आवर में बिजली की डिमांड लगभग 17000 मेगावाट से ज्यादा रही है वहीं इसके वित्त वर्ष 2022 में 24777 मेगावाट तक बढ़ने का आकलन केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। कुल बिजली की जरूरत वर्तमान 1,08,853 मिलियन यूनिट के सापेक्ष वित्तवर्ष 2022 तक 1,60,903 मिलियन यूनिट तक बढ़ जाएगी। वर्तमान में प्रदेश की सभी स्त्रोतों से कुल स्थापित क्षमता 22602 मेगावाट के करीब है। प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग के बीच प्रदेश को बिजली देने वाली दर्जनभर से ज्यादा इकाइयों की बंदी के कारण पावर कारपोरेशन को दिक्कतें सामने आ रही हैं। उत्पादन निगम की इकाइयों के साथ केंद्रीय और निजी सेक्टर की इन इकाइयों की बंदी से प्रदेश को 4000 मेगावाट से ज्यादा बिजली का नुकसान हो रहा है। तमाम परियोजनाओं के विस्तारीकरण, पुरानी इकाइयों के जीर्णोद्धार सहित अन्य तरीकों से उत्पादन क्षमता में 11 हजार मेगावाट से ज्यादा वृद्धि की योजना पर काम चल रहा है। फिलहाल तमाम इकाइयों की खराबी विद्युत संकट का विषय बन रही है। 4696 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही

उत्पादन निगम सहित केंद्रीय और निजी सेक्टर की कुल 13 प्रमुख इकाइयों की बंदी से प्रदेश को 4696 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है। इनमें उत्पादन निगम के ओबरा की 200 मेगावाट वाली दो इकाई, परीछा की 250 मेगावाट और 110 मेगावाट की इकाई एवं हरदुआगंज की 105 मेगावाट की इकाई बंद है। इनमें ओबरा की 12 वीं और 13 वीं इकाई 2020 में चालू होगी। परीछा की 250 मेगावाट वाली इकाई जनरेटर प्रोटेक्शन के कारण बंद है। इसके अलावा केंद्रीय सेक्टर की सिगरौली परियोजना की 200 मेगावाट वाली इकाई को दो मई को चालू करने का समय दिया गया है। इसके अलावा निजी सेक्टर की बजाज ललितपुर की 660 मेगावाट की तीन, लैंको अनपरा की 600 मेगावाट की एक और बारा की 660 मेगावाट की एक इकाई बंद है। इसके अलावा रिहंद तापीय परियोजना की 500 मेगावाट की एक इकाई भी बंद है। ओबरा का उत्पादन 500 मेगावाट

ओबरा तापीय परियोजना के ब तापघर की चालू 200 मेगावाट की तीन इकाइयों से मंगलवार को 500 मेगावाट के करीब उत्पादन हो रहा था। 9वीं इकाई से 168 मेगावाट, 10 वीं इकाई से 162 मेगावाट तथा 11 वीं इकाई से 171 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। उधर, उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से कुल 3965 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। जिसमें अनपरा परियोजना से 2324 मेगावाट, हरदुआगंज से 453 मेगावाट, परीछा 687 मेगावाट उत्पादन हो रहा था। निजी इकाइयों से 5478 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।

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