कर्मचारियो की कमी से जूझ रहा डीपीओ दफ्तर
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग यानी जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग यानी जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में कर्मचारियों की भारी कमी है। इन कमियों को अगर दूर कर दिया जाए तो बच्चों, महिलाओं और किशोरियों के लिए चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन में काफी सहूलियत मिलेगी। इस विभाग में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कम हैं। ऐसे में तैनात कर्मियों को ओवर वर्डेन का शिकार होना पड़ता है। कर्मचारियों की कमी के कारण न तो योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन हो पाता है और न ही लोगों की समस्याओं का समाधान निर्धारित समय पर होता है।
बुधवार को आफिस लाइव के दौरान लोढ़ी के विकास भवन में स्थित जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के सभी कर्मचारी अपनी-अपनी ड्यूटी करते नजर आए। वहीं जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपनी समस्या लेकर आए थे। हालांकि जिला कार्यक्रम अधिकारी की कुर्सी खाली मिली। वे जुगैल में लगे जन चौपाल में अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए गए हैं।
ये मिले उपस्थित
जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में डीपीओ की गैरमौजूदगी में प्रशासनिक अधिकारी नन्हें लाल लोगों की समस्या सुनते हुए मिले। इसके अलावा लिपिक दयाशंकर कंप्यूटर कक्ष में बैठकर जरूरी आंकड़ा फी¨डग कराते मिले। वहीं लिपिक राजबहादुर ¨सह प्रशासनिक अधिकारी के साथ महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करते नजर आए।
इनकी है कमी
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में एक संख्याधिकारी के साथ ही कई सीडीपीओ की जरूरत है। नौ परियोजनाओं में से मात्र तीन की तैनाती है। यानी छह सीडीपीओ की जरूरत है। मुख्य सेविका के पद 73 हैं लेकिन तैनाती महज 31 की है। इसी तरह लिपिक के 21 पदों से नौ की तैनाती 12 रिक्त, वाहन चालक नौ पदों के सापेक्ष तीन की तैनाती व छह रिक्त, चतुर्थ श्रेणी में 11 के सापेक्ष सात की तैनाती चार पद रिक्त, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 1406 के सापेक्ष 1328 तैनात 78 रिक्त, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 419 पदों के सापेक्ष 320 पदों पर तैनाती है और 99 पद रिक्त हैं। सहायिका के 1406 पदों के सापेक्ष 1278 की तैनाती व 125 के पद रिक्त हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार ¨सह ने कहा कि रिक्त पदों को भरने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
एक नजर में आंकड़े.
कुल लाभार्थी शून्य से छह माह के बच्चे : 26,789
छह माह से तीन साल तक के बच्चे : 1,36,143
तीन साल से छह साल तक के बच्चे : 117697
गर्भवती महिलाएं : 26,861
किशोरी 11 से 14 साल तक : 15,091 (जो स्कूल नहीं जाती)
कुल किशोरियां : 89,092