विभागीय पेच में एक बार फिर फंस सकता है बालू खनन
धारा 20 के प्रकाशन को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच बरहमोरी बालू साइड के संचालन पर वन विभाग ने रोक लगा दी है। जबकि खनन विभाग अभी ऐसी कोई भी लिखित आदेश न मिलने की बात कह रहा है। इन सब के बीच एक बार फिर से लाल बजरी की किल्लत आमजन के सामने खड़ी हो सकती है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : धारा 20 के प्रकाशन को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच बरहमोरी बालू साइड के संचालन पर वन विभाग ने रोक लगा दी है। हालांकि खनिज विभाग अभी ऐसा कोई भी लिखित आदेश न मिलने की बात कह रहा है। इन सबके बीच एक बार फिर से बालू (लाल बजरी) की किल्लत आमजन के सामने खड़ी हो सकती है। वन विभाग बरहमोरी व खेवंधा बालू साइड के संचालन पर रोक लगाता है तो निश्चित रूप से पूर्वांचल के बाजार में एक बार भी बालू के दाम आसमान पर पहुंच जाएंगे। वन विभाग ने दोनों बालू साइडों पर कार्रवाई के बाबत कहा कि यह एनजीटी के आदेश के क्रम में है। हालांकि खनिज विभाग इससे अनजान है।
16 फरवरी को जनपद के दौरे पर आए मुख्य वन संरक्षक मीरजापुर प्रभाकर दुबे ने पत्रकारों को बताया था कि बरहमोरी बालू साइड को एनजीटी के आदेश पर बंद करा दिया गया वहीं खेवंधा की साइड भी बंद हो सकती है। बरहमोरी साइड पर बालू का खनन व परिवहन जारी है। इस संबंध में जब वरिष्ठ खान अधिकारी केके राय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी साइड चल रही है। उन लोगों के पास ऐसा कोई भी लिखित आदेश नहीं आया है अगर ऐसा कोई भी आदेश आएगा तो निश्चित रूप से उस पर अमल किया जाएगा। बताया कि नई बालू साइडों के संचालन में अभी समय लग सकता है। चुनावी समीकरण बिगाड़ सकता है बालू
ई-टेंड¨रग प्रक्रिया के कारण बालू व गिट्टी के दाम पहले से ही आसमान छू रहे हैं, इस दौरान अगर जिले में संचालित तीन बालू खदानों में से दो खदानें बंद होती हैं तो निश्चित रूप से बालू के दाम और बढ़ेंगे। इसको लेकर सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधि भी परेशान दिख रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अगर जल्द ही इस गंभीर विषय पर कुछ काम नहीं किया गया तो निश्चित रूप से इसका असर चुनाव पर पड़ेगा। विरोधी दल इस मुद्दे को भुनाने से पीछे नहीं हटेंगे।