विभागीय नहीं बाहरी कर रहे जिपं की वसूली

जिला पंचायत की वसूली जब से विभागीय हुई है अनियमितताएं खुलकर सड़को पर दिखाई दे रही हैं। विभागीय कर्मियों की उदासीनता से जो राजस्व जिला पंचायत के खाते में जाना चाहिए वह समुचित ढंग से नही हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 06:25 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 06:25 PM (IST)
विभागीय नहीं बाहरी कर रहे जिपं की वसूली
विभागीय नहीं बाहरी कर रहे जिपं की वसूली

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : जिला पंचायत की वसूली में अनियमितताएं खुलकर सामने आ गई हैं। हाल यह है कि कोयले की खदान ककरी, बीना, कृष्णशिला, खड़िया और दूधीचुआ से चलने वाले प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों से महज कुछ ही राजस्व जिला पंचायत के खाते में पहुंच रहा है। शेष धनराशि का बंदरबांट हो रहा है। गौरतलब हो कि पहले प्रताप कंस्ट्रक्शन कंपनी को जिला पंचायत का ठेका मिला था। नियत समय पर रुपये नहीं जमा करने पर 15 मार्च 2020 को ठेका निरस्त कर दिया गया था। तब से लेकर अभी तक वसूली का जिम्मा जिला पंचायत के कर्मचारियों के हवाले किया गया था। विभागीय कर्मियों को लॉकडाउन में एक अच्छा मौका मिल गया। वसूली के लिए कुछ स्थानीय युवकों को इस काम के लिए लगा दिया गया। इनकी निगरानी के लिए कुछ सरहंग किस्म के लोगों को शामिल कर लिया गया। दो माह से मनमाने ढंग से वसूली कर कुछ हिस्सा विभाग के खाते में जमा किया जाता रहा है। जिसे लेकर वाहन संचालकों में आक्रोश है। नाम न छापने की शर्त पर उनका कहना है कि वह जिला पंचायत टैक्स विकास कार्यों के लिए देते हैं लेकिन यहां तो अपना विकास हो रहा है। कुछ ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों और अधिकारियों से साठगांठ कर आधा- तिहाई टैक्स जमा किया जा रहा है। लोगों ने जिला पंचायत अधिकारी से आग्रह किया है कि एनसीएल से आने-जाने वाले वाहनों की सूची लेकर ट्रांसपोर्टरों या कंपनियों से सीधे वसूली की जाय तो इस भ्रष्टाचार का रहस्य खुल सकता है। कुछ चालकों ने कहा कि वसूली में लगे युवकों द्वारा कहा जाता है कि निर्धारित शुल्क की जगह आधा ही पैसा दो और जाओ। स्टाफ की बताई जा रही कमी

क्षेत्र में तैनात सहायक राजस्व निरीक्षक मिथिलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि स्टाफ की कमी है। इसलिए बाहरी युवकों को वसूली में लगाया गया है। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े क्षेत्र के एक युवक रवि राय को विभाग द्वारा एक प्रतिलिपि जारी कर उनसे वसूली में सहयोग लिया जा रहा है। वरिष्ठ लिपिक माता प्रसाद ने कहा कि एक कर्मी की ड्यूटी कई प्वाइंट पर है। अकेला व्यक्ति कैसे कई जगह वसूली कर सकता है। इसलिए बाहरी लोगों का सहयोग लिया जाता है। बाहरी व्यक्ति से वसूली कराना हास्यास्पद

जिपं द्वारा एक ओर विभागीय कर्मियों द्वारा ही वसूली किया जाना वैध माना जा रहा है। दूसरी ओर विभाग द्वारा बाहरी व्यक्ति को परिपत्र जारी कर वसूली कराया जाना लोगों के लिए हास्यपद बना हुआ है। लोगों द्वारा विभाग पर लॉकडाउन का फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए मनमानी वसूली पर रोक लगाएं जाने की मांग की है। विभागीय वसूली ही वैध

अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत एसके त्रिपाठी ने कहा कि विभागीय वसूली केवल जिला पंचायत के अधीनस्थ कर्मचारी ही कर सकते हैं। ट्रांसपोर्टर यदि इनके अलावा किसी और को टैक्स देते हैं तो वो मान्य नहीं होगा। टैक्स देते समय जिपं की वैध पर्ची अवश्य लें। क्षेत्र के एक व्यक्ति को वसूली में सहयोग करने को कहा गया है। जारी किए गए टेंडर में रेट काफी कम आने से अभी टेंडर का मामला उच्च स्तर पर लंबित है। व्याप्त अनिमियतताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी