धर्मांतरित जनजातियों का आरक्षण लाभ बंद करने की मांग

जागरण संवाददाता सोनभद्र धर्मांतरण जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने व उनका।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:14 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 02:19 AM (IST)
धर्मांतरित जनजातियों का आरक्षण लाभ बंद करने की मांग
धर्मांतरित जनजातियों का आरक्षण लाभ बंद करने की मांग

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : धर्मांतरण जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाने व उनका आरक्षण समाप्त करने की मांग को लेकर गुरुवार को जनजाति सुरक्षा मंच का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति के नामित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

मंच संयोजक रामविचार सिंह टेकाम ने कहा कि धर्मांतरण जनजातियों की आरक्षण सुविधाएं समाप्त करने के लिए वर्ष 1970 में जनजाति नेता व पूर्व सांसद स्व. कार्तिक उरांव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आवेदन दिया था। इस बात को गुजरे 50 वर्ष हो गए हैं, बावजूद इसके इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। टेकाम ने कहा कि स्व. उरांव की जयंती पर जनजाति सुरक्षा मंच इस मुद्दे को एक बार फिर से उठाने का प्रयास किया है। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि वर्ष 2015 में मंच ने एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसमें देशभर के 18 वर्ष के 27 लाख 67 हजार जनजाति के लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

प्रतिनिधि मंडल में सेवा समर्पण संस्थान के सहसंगठन मंत्री आनंदजी ,रामवृक्ष, सीताराम उरांव, रामनारायण, मान सिंह, रवींद्र, प्रवीण आदि रहे।

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