श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

चित्र -8- - कर्नाटक की तेजस्विनी दिगंबर की प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता - मंदिर के 54 वें स्थापना दिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:06 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:06 PM (IST)
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

जागरण संवाददाता, डाला (सोनभद्र): श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर स्थापना दिवस पर मंगलवार की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्ष 1968 में स्थापित हुआ श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर पिछले 54 वर्षों से स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। संस्था के अध्यक्ष महंत मुरली तिवारी, समाजसेवी विद्या शंकर पांडे, राजेश द्विवेदी, चौकी इंचार्ज मनोज कुमार ठाकुर, नरसिंह तिवारी एवं विनोद चौबे मौजूद रहे। बीएचयू के प्रोफेसर एवं बांसुरी वादक राकेश कुमार ने कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति राग बागेश्वरी से की। उसके बाद एक पहाड़ी धुन बजाई, जिस पर श्रोता मंत्रमुग्ध हुए। मीरा के एक भजन और अपनी एक स्वरचित रचना से उन्होंने अपने कार्यक्रम को विराम दिया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में कर्नाटक की तेजस्विनी दिगंबर वर्नेकर ने ख्याल गायन की प्रस्तुति दी। अपने नाम के अनुरूप उन्होंने राग केदार में पहली प्रस्तुति देकर श्रोताओं को चकित कर दिया। उसके बाद राग सोहनी में बंदिश रंग ना डारो श्याम जी और आखिर में भजन गाकर अपने गायन का समापन किया। तेस्विनी आइटीसी कोलकाता में संगीत की शोधार्थी रही हैं। कार्यक्रम का समापन बनारस के चैतन्य मंगलम के कथक नृत्य से हुआ। उन्होंने शिव के अर्धनारीश्वर स्तुति से अपने नृत्य का आरंभ किया। इसके बाद कथक का परंपरागत तराना एवं शिव तांडव प्रस्तुत कर श्रोताओं को हर्षित कर दिया। अंत में मीरा भजन पर अपनी प्रस्तुति के दौरान उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम रूप का वर्णन किया। कलाकारों के साथ तबले पर संगत पंकज राय ने एवं हारमोनियम पर पंकज शर्मा थें। समापन कलाकारों को भेंट स्वरूप पुस्तक देकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन किरण तिवारी एवं संस्था के सचिव चंद्र प्रकाश तिवारी ने किया। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि पूरे भारत में यह मन्दिर भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने एवं इसे आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इस मौके पर सूर्य प्रकाश तिवारी, इंदु यादव, संतोष कुमार, मुकेश जैन, अविनाश शुक्ला, उत्तम मिश्र, कुमार मंगलम तिवारी, आशीष अग्रहरी, शुभम त्रिपाठी आदि रहे।

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