आत्मविश्वास से संक्रमण को दी मात
कोरोना को मैंने आत्मविश्वास से हराया। मेरे पति ने हमेशा मनोबल को बढ़ावा। होम आइसोलेशन रहते हुए एक कमरे में नियमित रूप से योगा करती रही। काढ़ा का सेवन नमक व गर्म पानी से करती थी। सबसे बड़ी बात है कि परिवार के लोगों ने साथ दिया। इसके चलते हम कभी मायूस नहीं हुए।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र: कोरोना को मैंने आत्मविश्वास से हराया। मेरे पति ने हमेशा मनोबल को बढ़ावा। होम आइसोलेशन रहते हुए एक कमरे में नियमित रूप से योगा करती रही। काढ़ा का सेवन, नमक व गर्म पानी से करती थी। सबसे बड़ी बात है कि परिवार के लोगों ने साथ दिया। इसके चलते हम कभी मायूस नहीं हुए। इसके चलते कभी महसूस ही नहीं हुआ कि कुछ हुआ है। आत्म विश्वास से ही हमने कोरोना को मात दिया है।
- रंजना चौधरी, महुली सोनभद्र।
सकारात्मक सोच से पाया विजय
मुझे 10 अगस्त 2020 से खांसी, सर्दी व बुखार शुरू हो गया। स्थानीय चिकित्सकों से इलाज कराते रहे, लेकिन सुधार न होकर दिन प्रतिदिन स्थिति बिगड़ती गई। 15 अगस्त को कोविड की जांच कराया तो रिपोर्ट पाजिटिव आई। 16 अगस्त को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं होता देखकर बीएचयू के कोविड आइसीयू में भर्ती कराया गया। पहले दो दिन का अनुभव बहुत ही पीड़ा दायक था। उन्हीं परिस्थितियों में मैंने दृढ़ इच्छाशक्ति से निश्चित किया कि मुझे अब कोरोना को हराना है। मैने कोई भी नकारात्मक सोच अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। केवल सकारात्मक सोच से ही अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत किया। परिणाम स्वरूप तीसरे दिन रात में मेरा आक्सीजन का स्तर सामान्य हो गया।
- संतोष कुमार सिंह, वरिष्ठ खनन व्यवसायी, ओबरा सोनभद्र।
लेता रहा नियमित दवा
मेरे साथ ही पूरे परिवार की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर एक बार तो लगा कि सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन घर पर ही पूरी औपचारिकता करते हुए डाक्टरों की सलाह पर दवा का नियमित सेवन करता रहा। पूरे परिवार के लोग कोरोना गाइड लाइन का पालन किया। होम क्वारंटाइन रहते हुए 15 दिन में पुरी तरह परिवार के साथ स्वस्थ हो गया। अब हम दुसरों को सलाह और हिम्मत देते हैं। कोरोना होने पर लोग घबराए नहीं डाक्टरों की सलाह पर नियमित दवा का सेवन करते रहें।
-सुशील कुमार जयसवाल, गुरमा वार्ड 2, सोनभद्र।
बनाए रखा हौसला
कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद भी पूरे तरीके से हौसला बनाए रखा। क्योंकि कोरोना होने के बाद अधिकतर लोग धैर्य खो दे रहे हैं, जिसके चलते कई बार हार्ट अटैक का भी खतरा बना रहता है। इसलिए हमने हमेशा से धैर्य को धारण रखते हुए मोबाइल द्वारा मरीजों की सेवा भी करता रहा। गिलोय, गर्म पानी व दवाइयों का सेवन करने के बाद कुछ दिनों बाद स्वास्थ्य होकर लौटा हूं। अब एक बार फिर से मरीजों की सेवा में लग गया हूं।
-डा. संदीप, जिला अस्पताल।