चकाचक बिजली के लिए अभी करना होगा इंतजार
जागरण संवाददाता सोनभद्र जंगलों व पहाड़ी रास्तों के चलते बिजली आपूर्ति होने से हमेशा फाल्ट
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जंगलों व पहाड़ी रास्तों के चलते बिजली आपूर्ति होने से हमेशा फाल्ट की समस्या से जूझ रहे 30 हजार उपभोक्ताओं को अगस्त से चकाचक बिजली देने की योजना थी। इसके लिए सलखन व चकरिया उपकेंद्र को चालू कर देना था, लेकिन अवधि बीतने के बाद भी दोनों उपकेंद्र को चालू नहीं किया जा सका। गुरमा फीडर से जुड़ी तकरीबन 40 ग्राम पंचायतों के उपभोक्ताओं को इन दोनों उपकेंद्रों से जोड़ने के बाद निर्बाध बिजली मिलेगी। 294.58 लाख रुपये की लागत से दोनों उपकेंद्रों का काम किया जा रहा है।
राबर्ट्सगंज, चोपन व नगवां ब्लाक के लगभग सैकड़ों गांवों के लोगों को वर्तमान में गुरमा फीडर से ही बिजली की आपूर्ति की जाती है। एक ही फीडर होने से अधिक भार होने के कारण उपभोक्ताओं को नियमित बिजली नहीं मिल पाती है। इसको लेकर बिजली विभाग की तरफ से वर्ष 2020 से चकरिया व सलखन में नए उपकेंद्र बनाया जा रहा है। इसमें सलखन उपकेंद्र की लागत 131.05 लाख व चकरिया उपकेंद्र की 163.53 लाख रुपये है। गुरमा फीडर का दायरा बिहार बार्डर तक तकरीबन 70 किलोमीटर तक फैला हुआ है। जंगलों व पहाड़ी के दुर्गम रास्तों से बिजली आपूर्ति होने के चलते हमेशा लोगों को फाल्ट की समस्या से जूझना पड़ता है। एक तो ज्यादा दूरी वहीं दूसरी तरफ जंगल से गुजरी लाइन के चलते कर्मचारियों को फाल्ट ढूढ़ने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए अगस्त में दोनों केंद्रों से आपूर्ति शुरू कर देनी थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते अभी ऐसा नहीं हो सका। चकाचक बिजली के लिए अभी उपभोक्ताओं को एक से दो महीने और इंतजार करना होगा। बोले अधिकारी..
सलखन उपकेंद्र के लिए पोल लगा दिया गया है। तार जोड़ने का काम किया जा रहा है। चकरिया में उपकेंद्र बनकर तैयार हो गया है, सब स्टेशन को चार्ज किया जा रहा है। छोटी-मोटी कुछ कमी रह गई है। एक दो महीने में दो केंद्रों को चालू करके आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
-सर्वेश सिंह, एक्सईएन, राबर्ट्सगंज विद्युत वितरण खंड।