ओपीडी बंद होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किलें

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का ओपीडी बंद होने से मामूली रोगों से ग्रसित रोगियों की मुश्किलें बढ़ गई है। परेशान हाल लोग निजी व नीम हकीम की शरण में जाकर इलाज कराने को विवश हो गए हैं। शनिवार को सीएचसी में सिर्फ कोरोना जांच के लिए लैब खोला गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 03:56 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 03:56 PM (IST)
ओपीडी बंद होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किलें
ओपीडी बंद होने से बढ़ी मरीजों की मुश्किलें

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का ओपीडी बंद होने से मामूली रोगों से ग्रसित रोगियों की मुश्किलें बढ़ गई है। परेशान हाल लोग निजी व नीम हकीम की शरण में जाकर इलाज कराने को विवश हो गए हैं। शनिवार को सीएचसी में सिर्फ कोरोना जांच के लिए लैब खोला गया था। इसके अलावा ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

चिकित्सकों ने बताया कि शुक्रवार की शाम शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर शनिवार से सिर्फ इमरजेंसी सेवा एवं कोविड जांच के अलावा अन्य सभी सेवा बंद करा दिया गया है। कोविड संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह निर्णय शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिया गया है। दूसरी ओर सुबह से ही दूर दराज से आए मरीजों को घंटों इंतजार के बाद जब अस्पताल बंद होने की सूचना मिली तो वे परेशान हो उठे। गांव गिराव में बैठे नीम हकीम की शरण में जाना उनकी विवशता हो गई। क्षेत्र के दुरूह अंचल से आई महिला फूलमती ने बताया कि वे कई दिनों से बुखार बदन दर्द से परेशान है। गांव में नीम हकीम की दवा पांच दिन खाने के बाद भी उसे आराम नहीं हुआ। ऐसे में वह शनिवार को तड़के अपने बेटे के साथ दुद्धी अस्पताल आई। कितु दस बजे तक अस्पताल नहीं खुला। बाद में बताया गया कि अस्पताल बंद है। सौ रूपये लेकर आई थी, उसमें से आधा धनराशि किराए में खर्च हो गया, जबकि रूम पर बैठे चिकित्सकों द्वारा इलाज करने के एवज में पचास रूपये फीस के साथ ही प्राइवेट में खून जांच कराने के लिए सौ डेढ़ सौ रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा। यह समस्या किसी एक की नहीं, बल्कि सुबह से फूलमती जैसे तमाम मरीजों के समक्ष ऐसी मुश्किलें आ खड़ी हुई है, जो पैसे के अभाव में बगैर इलाज के ही वापस गांव लौट जा रहे हैं।

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