प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व शनि महाराज को कराया गया नगर दर्शन

शिवाजी तालाब पर श्री शनिदेव की स्थापना को लेकर चल रहे पांच दिवसीय अनुष्ठान के चौथे दिन शनिवार को नगर में शनि जी महाराज की शोभायात्रा निकाली गयी। कोविड नियमावली को देखते हुए सीमित संख्या में भक्तजन शरीक हुए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 09:54 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 09:54 PM (IST)
प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व शनि महाराज को कराया गया नगर दर्शन
प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व शनि महाराज को कराया गया नगर दर्शन

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : तहसील मुख्यालय के शिवाजी तालाब पर श्री शनिदेव की स्थापना को लेकर चल रहे पांच दिवसीय अनुष्ठान के चौथे दिन शनिवार को नगर में शनि जी महाराज की शोभायात्रा निकाली गयी। कोविड नियमावली को देखते हुए सीमित संख्या में भक्तजन शरीक हुए। नगर समेत पूरे क्षेत्र में श्री शनिदेव भगवान की पहली मंदिर स्थापित होने के कारण श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिली। दोपहर करीब डेढ़ बजे भव्य रथ में पर सवार होकर शनि महाराज नगर दर्शन के लिए निकले।

शोभायात्रा पूरे नगर का भ्रमण करते हुए करीब दो घंटे उपरांत वापस नवनिर्मित मंदिर शिवाजी तालाब पर पहुंचा। इस दौरान विद्वानों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नगर के सभी मंदिरों में विराजमान देवी-देवताओं से उनका मिलन कराया। जिसका उद्देश्य सभी देवी देवताओं की शक्ति का भगवान श्री शनिदेव में समावेश हो और नगर समेत सभी भक्तजनों की रक्षा व कल्याण करें। गाजे बाजे के साथ धूमधाम से निकली इस विशाल शोभायात्रा में शामिल महिलाएं, पुरुष, बच्चे भक्तिगीत थिरकते एवं जयकारा लगाते हुए गंतव्य की ओर बढ़ते रहे। शोभायात्रा के वापस आने पर भगवान शनिदेव की शिला को उनके नवनिर्मित मंदिर में रखकर, आचार्य महेंद्र देव पांडेय, पं. देवी प्रसाद पांडेय एवं पं. विजय प्रकाश दुबे की अगुवाई में यजमान विजय कुमार सपत्नीक के साथ अग्रिम अनुष्ठान किया। रविवार को श्री शनिदेव महाराज की प्राणप्रतिष्ठा के साथ ही अनुष्ठान की पूर्णाहुति और भंडारे का आयोजन किया गया है। आयोजन समिति की ओर से नगर के सभी भक्तजनों से प्राणप्रतिष्ठा एवं भंडारे में शरीक होकर पुण्य का भागी बनने की अपील की गयी है। इस मौके पर बाबा रामकेवल दास, कल्याण मिश्रा, रुद्रशंकर त्रिपाठी, चंद्रिका प्रसाद आढ़ती, भोलानाथ आढ़ती, गणेश जौहरी, प्रेमचंद आढ़ती विष्णुकांत तिवारी, डा. पीके विश्वास आदि मौजूद रहे।

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