शिक्षक नहीं अब रसोइयां पढ़ाने लगे बच्चे

परिषदीय विद्यालयों की स्थिति उस सीमा को लांघ लगी है जहां नौनिहालों का भविष्य शत-प्रतिशत धुंधला होना तय है। विभागीय कार्रवाइयां नाममात्र की होने के कारण

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 04:45 PM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 04:45 PM (IST)
शिक्षक नहीं अब रसोइयां पढ़ाने लगे बच्चे
शिक्षक नहीं अब रसोइयां पढ़ाने लगे बच्चे

जागरण संवाददाता, महुली (सोनभद्र) : परिषदीय विद्यालयों की स्थिति उस सीमा को लांघ लगी है जहां नौनिहालों का भविष्य शत-प्रतिशत धुंधला होना तय है। विभागीय कार्रवाइयां नाममात्र की होने के कारण शिक्षकों ने मनमाना रवैया अख्तियार कर दिया है। इसी का परिणाम है कि विद्यालय में शिक्षक अपने घर पर दिवाली मना रहे हैं और रसोइयां नौनिहालों का भविष्य तय करने लगे हैं।

दरअसल, दीपावली के दूसरे दिन बुधवार को दुद्धी तहसील के महुली ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय टहरिया खोली में नौनिहाल पढ़ाई के समय खेलने कूदने में मशगूल थे। इसका कारण जानने की जब कोशिश हुई तो स्थितियां चौंकाने वाली सामने आईं। विद्यालय में शिक्षक नहीं थे। और बच्चे पढ़ाई छोड़कर अन्य कामों में व्यस्त थे। अभिभावकों को जब इसकी जानकारी हुई तो सभी ने इसका विरोध किया और शिकायत भी की। इस मामले में बीएसए ने शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया। बहरहाल, निर्देश का असर यह है कि शिक्षकों के खिलाफ 48 घंटे बाद भी कुछ नहीं हुआ। जानकारी के मुताबिक शिक्षक बीता देवी आकस्मिक अवकाश पर हैं। दूसरे शिक्षक तेज बहादुर बिना सूचना नदारद हैं। ऐसे हालात में खाना पकाने से लेकर बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी भी रसोइयां ने संभाल रखा था। ग्रामीणों का कहना था कि बीईओ द्वारा उक्त शिक्षक को बचाने की कोशिश की जा रही है। यदि लापरवाह शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी।

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