भाजपा से नाराजगी कहीं पड़ न जाय सांसद को भारी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : राब‌र्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार इन दिनों अ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Apr 2018 08:35 PM (IST) Updated:Fri, 06 Apr 2018 08:35 PM (IST)
भाजपा से नाराजगी कहीं पड़ न जाय सांसद को भारी
भाजपा से नाराजगी कहीं पड़ न जाय सांसद को भारी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : राब‌र्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद छोटेलाल खरवार इन दिनों अपने ही पार्टी के नेताओं से नाराज हैं। इनकी यह नाराजगी कहीं लोकसभा के आगामी चुनाव में महंगी न पड़ जाय। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि सांसद को यह पता चल गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इनको पार्टी से टिकट नहीं मिलना है। इसे लेकर सांसद नाराज हैं और तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।

कभी मुख्यमंत्री के खिलाफ पत्र लिख रहे हैं तो कभी प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ। खैर जो भी हो लेकिन सांसद की नाराजगी व सीएम के खिलाफ पत्र को लेकर विपक्षियों को भी मौका मिल गया है। आदिवासी बहुल जनपद सोनभद्र की लोकसभा सीट 2014 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी। उस दौर में चंदौली जिले के चकिया तहसील के निवासी छोटेलाल खरवार को पार्टी ने टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। छोटेलाल खरवार जीत दर्ज कर सांसद बन गये। इसके बाद सांसद ने अपने भाई को ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ाकर भाई जवाहर खरवार को ब्लाक प्रमुख बनवाया। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद इनके ब्लाक प्रमुख भाई के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ गया। इस दौरान सांसद ने आरोप लगाया कि बसपा व सपा के लोगों के साथ मिलकर भाजपा के लोगों ने मेरे भाई के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। इस दौरान मेरे ऊपर हमला किया गया। मेरी शिकायत के बाद भी मेरी नहीं सुनी गई। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी मेरी बात नहीं सुनी, मेरी पार्टी में लगातार उपेक्षा हो रही है। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री व संगठन के शीर्ष लोगों के खिलाफ पत्र लिखकर सांसद ने भाजपा में हड़कंप मचा दिया है। इसके साथ ही सांसद के इस कदम पर विपक्षियों का कहना है कि आदिवासी दलित सांसद की जब भाजपा में सुनवाई नहीं हो रही है तो आम लोगों की किया होगी। इसे लेकर लोगों का जहां कहना है कि सांसद की यह बगावत आगामी लोकसभा चुनाव में जहां महंगी पड़ सकती है वहीं कुछ का कहना है कि सांसद को शायद यह पता हो गया है कि पूर्व में भाजपा ने जो कहा था कि कुछ सांसदों का भी 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट कट सकता है। उसमें इनका का भी लगता है नाम है। इसलिए अब ये बगावत शुरू कर दिये हैं। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष भी हो चुका है विवाद

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे केशव प्रसाद मौर्या जब सोनभद्र में आये थे तो पत्रकारों से बातचीत के लिए उन्होंने नगर के एक होटल में कार्यक्रम रखा था। उस दौरान प्रदेश अध्यक्ष के बगल में बैठने को लेकर भी जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा के लोगों से इनका विवाद हो गया था। हालांकि उस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने मामले को संभाल लिया था लेकिन इसका भी वीडियो खूब वायरल हुआ था। जिसे लेकर संगठन में ऊपर तक चर्चा रही। शपथ ग्रहण में भी उठाया था सवाल

नौगढ़ के ब्लाक प्रमुख के शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय को बुलाया गया था। उस दौरान डा. पांडेय शपथ ग्रहण में शामिल हुए। इसे लेकर भी सांसद ने सवाल उठाया था कि प्रदेश अध्यक्ष क्यों इस कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां से मेरे भाई को हटाया गया था। ऐसे में यह मेरे साथ धोखा है। पूर्व डीएम पर भी लगा चुके हैं आरोप

सांसद छोटेलाल खरवार तीन माह पूर्व सोनभद्र के पूर्व डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय के खिलाफ प्रेसवार्ता करके आरोप लगाया था कि डीएम दलित विरोधी हैं। कहा था कि इनके कार्यकाल में दलितों की समस्या नहीं सुनी जा रही है। दलितों का उत्पीड़न अधिक किया जा रहा है। इसके साथ ही सत्तापक्ष में रहते हुए भी सांसद ने जनपद में अवैध खनन होने का आरोप लगाया था।

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