लोकतंत्र पर विश्वास नहीं रखती भाजपा: प्रदीप तिवारी

जागरण संवाददाता सोनभद्र आज देश के समक्ष गंभीर चुनौतियां हैं। देश में एक ऐसे दल का शासन है जिसकी लोकतंत्र में आस्था नहीं है। उसकी एकाधिकारी मानसिकता के चलते संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो रही हैं। राष्ट्रीय संपत्ति रेल बैंक एयरपोर्ट सब बेची जा रही है। नौजवानों की रोजी-रोटी पर संकट है बेरोजगारी बढ़ती जा रही है किसान आंदोलित हैं। यह बातें सोमवार को सपा जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने कही।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:47 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:47 PM (IST)
लोकतंत्र पर विश्वास नहीं रखती भाजपा: प्रदीप तिवारी
लोकतंत्र पर विश्वास नहीं रखती भाजपा: प्रदीप तिवारी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : आज देश के समक्ष गंभीर चुनौतियां हैं। देश में एक ऐसे दल का शासन है, जिसकी लोकतंत्र में आस्था नहीं है। उसकी एकाधिकारी मानसिकता के चलते संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो रही हैं। राष्ट्रीय संपत्ति रेल, बैंक, एयरपोर्ट सब बेची जा रही है। नौजवानों की रोजी-रोटी पर संकट है बेरोजगारी बढ़ती जा रही है किसान आंदोलित हैं।

यह बातें सोमवार को सपा जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान समाजवादी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने कही। उन्होंने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी में व्यापार को पूरी तरह से चौपट कर दिया। कोरोना संक्रमण में लाखों लोग बेरोजगार हो गए। किसानों को फसल की लागत मूल्य नहीं मिल रही है, डीजल खाद बिजली सब महंगी है। जनता की कमर महंगाई से पूरी तरह टूट गई है। आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। हत्या, लूट, अपहरण और महिलाओं-बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस समस्या से अगर प्रदेश की जनता को कोई मुक्त कर सकता है तो वह समाजवादी पार्टी। कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सपा की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आएगी। कहा कि इसमें जनता की भागीदारी बहुत जरूरी है, इसके बिना लक्ष्य हासिल नहीं होगा। गैर बराबरी के खिलाफ डाक्टर लोहिया व डा. भीमराव आंबेडकर ने के संघर्ष किया था, उसे आज के समय में समाजवादी पार्टी आगे बढ़ा रही है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष विजय यादव, अविनाश कुशवाहा, रमेश चंद्र दुबे, विजय सिंह गौड़, राम निहोर यादव, रविद्र बहादुर सिंह, जुबेर आलम, ओम प्रकाश त्रिपाठी आदि रहे।

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