वासंतिक नवरात्र आज, पहले दिन पूजी जाएंगी मां आदिशक्ति शौलपुत्री

वासंतिक नवरात्र मंगलवार से शुरू हो जाएगा। आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए घर-घर कलश स्थापना होगी। इसके लिए सोमवार को दिनभर तैयारियां चलती रहीं। जिले के प्रमुख देवीधामों में बैरिकेडिग के साथ ही साफ-सफाई और सजावट का काम चलता रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:40 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:40 PM (IST)
वासंतिक नवरात्र आज, पहले दिन पूजी जाएंगी मां आदिशक्ति शौलपुत्री
वासंतिक नवरात्र आज, पहले दिन पूजी जाएंगी मां आदिशक्ति शौलपुत्री

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : वासंतिक नवरात्र मंगलवार से शुरू हो जाएगा। आदिशक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए घर-घर कलश स्थापना होगी। इसके लिए सोमवार को दिनभर तैयारियां चलती रहीं। जिले के प्रमुख देवीधामों में बैरिकेडिग के साथ ही साफ-सफाई और सजावट का काम चलता रहा। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी। कोरोना को देखते हुए इस बार मंदिरों में भीड़ न हो इसके लिए इंतजाम किए गए हैं। डाला स्थित मां वैष्णों मंदिर व राब‌र्ट्सगंज स्थित शीतला मंदिर, नवदेवी मंदिर आदि स्थानों पर भी संक्रमण को देखते हुए तैयारी की गई है।

अनपरा : शक्ति उपासना का प्रमुख पर्व वासंतिक नवरात्र का मंगलवार से आगाज हो रहा है। ऊर्जांचल में देवी उपासना की तैयारी पूरी कर ली गई है। सोमवार को भक्तों द्वारा मां की आराधना के लिए पूजन सामग्री की खरीदारी की गई। इस बार शक्तिनगर स्थित मां ज्वालामुखी मंदिर प्रांगण में लगने वाला पाक्षिक मेला नहीं लगेगा, कितु कोविड गाइडलाइन के अनुपालन के साथ भक्त मां का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा मंदिर प्रांगण की विधिवत साफ-सफाई कर भव्य ढंग से सजाया गया है। मां ज्वालामुखी की मोहक मुद्रा बरबस ही भक्तों का मन मोह रही है। इसके साथ ही अनपरा बाजार सोनारी गली स्थित मां दुर्गा मंदिर, चावल मंडी स्थित मां शीतला मंदिर, डिबुलगंज स्थित मां अष्टभुजी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में भी नवरात्र की तैयारी पूरी कर ली गई है। नवरात्र व्रतधारी श्रद्धालु भी सोमवार शाम तक पूजन सामग्री की तैयारी में जुटे रहे। मंगलवार सुबह कलश स्थापना के साथ भक्तों द्वारा नौ दिनों तक देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। सीमित संख्या में श्रद्धालु करेंगे दर्शन-पूजन

ऊर्जांचल की आदि शक्तिपीठ ज्वालामुखी देवी मंदिर में सीमित संख्या में ही दर्शनार्थी गर्भ गृह में दर्शन-पूजन कर पाएंगे। मंदिर प्रांगण में परंपरागत लगने वाला पाक्षिक मेला पर रोक लगा दी गई है। सोमवार को दर्शनार्थियों के लिए मंदिर परिसर की सफाई करके सैनिटाइज किया गया। ज्वालामुखी मंदिर के पुजारी श्लोकी मिश्रा ने बताया कि पूरे मंदिर परिसर को सैनिटाइज किया गया है। नवरात्र के पहले दिन मंगलवार को मां की श्रृगांर आरती के बाद मंदिर का कपाट दर्शनार्थियों के दर्शन-पूजन के लिए खोला जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में पांच-पांच के ग्रुप में शारीरिक दूरी व मास्क लगाए दर्शनार्थी ही दर्शन-पूजन करेंगे। पहला ग्रुप बाहर निकलने के बाद ही दूसरा ग्रुप के लोग गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे। थाना प्रभारी मिथिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मंदिर प्रांगण में पुलिस टीम कोविड नियमों का पालन कराते हुए दर्शनार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगी। माला-फूल एवं प्रसाद दुकानों पर भी नियमों का पालन कराया जाएगा। सोमवती अमावस्या पर पीपल वृक्ष का पूजन

सोमवती अमावस्या पर सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा पीपल के वृक्ष का पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना की गई। सुबह स्नान-ध्यान से निवृत्त होकर समूह में पीपल के वृक्ष के नीचे पहुंचकर महिलाओं ने विधि-विधान पूर्वक पूजन किया। परिक्रमा कर महिलाओं ने जड़ में कच्चे सूत भी लपेटे। सायंकाल पीपल के वृक्ष के नीचे भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया।

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