कुपोषण से मुक्ति के लिए समाज में जागरूकता जरुरी

जागरण संवाददाता सोनभद्र जन सहभागिता की शक्ति से ही कुपोषण से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए समाज में जागरूकता जरुरी है। एक स्वस्थ किशोरी ही स्वस्थ मां बनती है। स्वस्थ्य बचे स्वस्थ समाज का निर्माण करते है। यह बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह ने शनिवार को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के तत्वावधान में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:58 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:58 PM (IST)
कुपोषण से मुक्ति के लिए समाज में जागरूकता जरुरी
कुपोषण से मुक्ति के लिए समाज में जागरूकता जरुरी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जन सहभागिता की शक्ति से ही कुपोषण से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए समाज में जागरूकता जरुरी है। एक स्वस्थ किशोरी ही स्वस्थ मां बनती है। स्वस्थ्य बच्चे स्वस्थ समाज का निर्माण करते है। यह बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नेम सिंह ने शनिवार को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के तत्वावधान में सेंटर फार एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि कुपोषित होने से शारीरिक व मानसिक विकास के साथ ही उत्पादकता भी प्रभावित होती है। इसलिए सभी को नियमित पौष्टिक भोजन लेना चाहिये। स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है। इसलिए बच्चे के गर्भ में आते ही मां को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए। बच्चे का पोषण गर्भ में मां से प्राप्त होता है, इसलिए गर्भवती को अपने पोषण का पूर्ण ध्यान रख कर हीमोग्लोबिन की जांच एवं प्रसवपूर्व की सभी जांच समय-समय पर कराते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में पोषण के प्रति लोगो को सोच बदलनी होगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने कहा कि कुपोषण एक ऐसी बीमारी हैं जो तमाम बीमारियों को गंभीर बना देती हैं। इसलिए इसके बचाव के प्रति सभी को सतर्क रहना जरुरी हैं। उन्होंने पोषण माह में चल रहीं गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही जनपद में हो रहे कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि पोषण माह के अंतर्गत सैम (गंभीर रूप से कुपोषित) बच्चों का चिन्हीकरण पोषण वाटिका की स्थापना, योगासन सत्र तथा बच्चों का उंचाई एवं वजन किया गया। जिसमें गांव के हर स्तर पर आंगनबाड़ी द्वारा बच्चों का वजन कर लंबाई नापी गई। बताया कि विभाग द्वारा कई प्रकार की समुदाय आधारित गतिविधियों का संचालन किया जाता है। जिसमें गर्भवती, बालक बालिका के पोषण पर पूर्ण ध्यान दिया जाता है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरजी यादव ने बताया कि जनपद स्तर पर कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिसमें कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है। इसके साथ ही बच्चे के माता-पिता को सही आहार की जानकारी दी जाती है, सही पोषण के लिए जरूरी है स्वच्छता का ध्यान रखना।

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