स्मार्ट फोन पर अपडेट रहेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 11 तरह के रजिस्टर का बोझ नहीं ढोना होगा। बल्कि उन्हें एक स्मार्ट फोन में सबकुछ अपडेट रखना होगा। इतना ही नहीं अधिकारियों को भी प्रतिदिन रजिस्टर के पन्नों को पलटना नहीं होगा। साथ ही यह भी डर नहीं होगा कि कहीं रजिस्टर भींग गया या फट गया तो क्या होगा। बैठे-बैठै संबंधित आंगनबाड़ी का डाटा देख सकेंगे। इसके लिए हर आंगनबाड़ी को एक-एक स्मार्ट फोन दिया जा रहा है। अब तक यहां के 1400 कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 11 तरह के रजिस्टर का बोझ नहीं ढोना होगा। बल्कि उन्हें एक स्मार्ट फोन में सबकुछ अपडेट रखना होगा। इतना ही नहीं अधिकारियों को भी प्रतिदिन रजिस्टर के पन्नों को पलटना नहीं होगा। साथ ही यह भी डर नहीं होगा कि कहीं रजिस्टर भींग गया या फट गया तो क्या होगा। बैठे-बैठे संबंधित आंगनबाड़ी का डाटा देख सकेंगे। इसके लिए हर आंगनबाड़ी को एक-एक स्मार्ट फोन दिया जा रहा है। अब तक यहां के 1400 कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जा चुका है।
अभी तक बच्चों, किशोरियों, गर्भवती, धात्री महिलाओं को पोषाहार वितरण से संबंधित लिखापढ़ी के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रति केंद्र अलग-अलग 11 तरह के रजिस्टर बनाने होते थे। उसी रजिस्टर में संपूर्ण ब्योरा लिखा जाता रहा है। क्षेत्रीय मुख्य सेविका, सीडीपीओ या अन्य अधिकारी जब भी जांच करने जाते थे तो उन्हें यह सभी रजिस्टर देखना होता था। ऐसे में कई बार समय का अभाव होने के कारण एक या दो केंद्र ही एक निरीक्षण कर पाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्मार्ट फोन में विभाग की ओर से दिया गया साफ्टवेयर इंस्टाल होगा। जो 11 रजिस्टर की पूर्ति करेगा। इसकी आनलाइन निगरानी भी क्षेत्रीय मुख्य सेविका, सीडीपीओ, डीपीओ व निदेशालय स्तर से आनलाइन की जा सकेगी। खास बात यह है कि इस स्मार्ट फोन में संबंधित जानकारी आफलाइन भी भरी जा सकेगी। अगर नेटवर्क नहीं होगा तो भी फीडिग हो जाएगी। बस आनलाइन होने या नेटवर्क क्षेत्र में होने के बाद सिक करना होगा। अभी तक की तैयारी
जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक 1400 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिया जा चुका है। 54 क्षेत्रीय मुख्य सेविकाओं को भी दिया गया है। चार चरणों में मास्टर ट्रेनर के जरिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। करीब छह माह से इन्हें ट्रायल के रूप में कार्य कराया जा रहा है। चिन्हित 3 लाख 35000 परिवारों में एक करीब 90 फीसद परिवारों की जानकारी फीड भी की जा चुकी है। क्षेत्रीय मुख्य सेविकाओं को भी निगरानी संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। स्मार्ट फोन से कई फायदे
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के स्मार्ट फोन से कई फायदे होंगे। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी, किसी लाभार्थी को अगर डबल पोषाहार दिया जा रहा है तो इसकी पूरी जानकारी इस मोबाइल में होगी। खास बात तो यह है कि जब टीकाकरण आदि करना होगा उसके लिए फीडिग के हिसाब से अलार्म सेट होगा। जब टीकाकरण करना होगा तो कार्यकर्ता के मोबाइल में नोटिफिकेशन आएगा। साथ ही प्रसव का समय नजदीक आने पर भी अलार्म के जरिए संकेत मिलेगा।