दो वर्ष बाद जुगैल की विवाहिता मिली राजस्थान में

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) दो वर्ष के लंबे अंतराल के बाद विवाहिता पुत्री जब अपने पिता से मिली तो उसकी खुशी के आंसुओं को देख हर कोई भावुक हो गया। ग्राम पंचायत जुगैल के जोरबा की 22 वर्षीय रीमा पुत्री राम लखन को जुगैल पुलिस की मदद से राजस्थान से लाया गया है। हालांकि राजस्थान में जबरन हुई शादी के बाद पैदा हुई एक वर्षीय पुत्री को उसे नहीं लाने दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:16 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:16 PM (IST)
दो वर्ष बाद जुगैल की विवाहिता मिली राजस्थान में
दो वर्ष बाद जुगैल की विवाहिता मिली राजस्थान में

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : दो वर्ष के लंबे अंतराल के बाद विवाहिता पुत्री जब अपने पिता से मिली तो उसकी खुशी के आंसुओं को देख हर कोई भावुक हो गया। ग्राम पंचायत जुगैल के जोरबा की 22 वर्षीय रीमा पुत्री राम लखन को जुगैल पुलिस की मदद से राजस्थान से लाया गया है। हालांकि राजस्थान में जबरन हुई शादी के बाद पैदा हुई एक वर्षीय पुत्री को उसे नहीं लाने दिया गया। लगभग दो वर्ष पहले ओबरा में काम के लिए निकली युवती जनपद में सक्रिय पश्चिम उत्तर प्रदेश के एक गिरोह का शिकार बन गयी थी। युवती के पिता रामलखन द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट जुगैल थाना में दर्ज कराने के साथ अपने प्रयास से भी खोजबीन की जाती रही लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार एक इत्तेफाक ने सब कुछ खोलकर रख दिया।

विवाहिता ने दैनिक जागरण को बताया कि उसे 1.60 लाख रूपये में राजस्थान के झुंझुनू जिले में बेचा गया था। गिरोह के लिए काम करने वाले जुगैल के खुखरीडांड़ निवासी दंपती जो कि ओबरा के बिल्ली चढ़ाई में काम करते हैं। उनके द्वारा उसे ओबरा खनन क्षेत्र में काम दिलाने का वायदा कर बिल्ली चढ़ाई लाया गया। वहां से बस से चंदौली ले जाया गया। उसके बाद काम की लालच देकर जयपुर ले जाने के लिए ट्रेन पर चढ़ाया गया। ट्रेन में दो व्यक्ति और आ गए। जयपुर स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसे झुंझुनू जिले से आए चार लोगों को सौंप कर साथ गए चारों लोग वापस चले आए। आदिवासी युवती के लिए राजस्थान और उसकी भाषा पूरी तरह नासमझ लगी। उसकी जबरन मंदिर में शादी भी करा दी गई। लगभग एक वर्ष बाद उसने एक पुत्री को जन्म दिया। पिछले सप्ताह चंदौली में ट्रेन पर चढ़े गिरोह के दो सदस्य पुन: बिल्ली चढ़ाई पर नए शिकार की तलाश में पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें झुंझुनू से उन्हीं लोगों का फोन आ गया, जिन लोगों के यहां रीमा को रखा गया था। उक्त लोगों द्वारा मोबाइल के स्पीकर पर बात की जा रही थी। इस दौरान रीमा के जीजा जो कि खनन क्षेत्र में ही काम करते हैं वे भी बिल्ली चढ़ाई में मोबाइल पर हो रही बात सुन रहे थे। झुंझुनू वालों से जब यह बात चल रही थी तभी कोई बात कहने के लिए रीमा वहां पर आई। रीमा की आवाज जब उसके जीजा के बहनोई सुने तो वह उसकी आवाज पहचान गए। किसी तरह वे झुंझुनू का नंबर लेने में कामयाब हो गए। उक्त नंबर पर कई दिनों तक बात करने पर यह पुष्टि हो गई कि वह रीमा ही है। पिता रामलखन ने जुगैल थाने को पूरे मामले से अवगत कराया। थाना प्रभारी ने एसआई मंजर खान को पिता के साथ युवती को लाने के लिए राजस्थान भेजा। झुंझुनू पुलिस के सहयोग से युवती को खोज निकाला गया।

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