कच्ची सड़क से चलना दूभर, बुनियादी सुविधाओं की दरकार

चोपन विकास खंड से तकरीबन 20 किमी दूर पनारी ग्राम पंचायत में बहुत से विकास कार्य हुए लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी रह गया है। ग्रामीणों को आज भी बिजली पानी व सड़कों की दरकार है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि अगले पंचवर्षीय में इससे निजात मिल सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:21 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:21 PM (IST)
कच्ची सड़क से चलना दूभर, बुनियादी सुविधाओं की दरकार
कच्ची सड़क से चलना दूभर, बुनियादी सुविधाओं की दरकार

जागरण संवाददता, डाला (सोनभद्र) : चोपन विकास खंड से तकरीबन 20 किमी दूर पनारी ग्राम पंचायत में बहुत से विकास कार्य हुए, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी रह गया है। ग्रामीणों को आज भी बिजली, पानी व सड़कों की दरकार है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि अगले पंचवर्षीय में इससे निजात मिल सकेगी।

गांव में विकास के रूप में 919 प्रधानमंत्री आवास, 342 इंदिरा आवास बना है। 15 खडं़जा मार्ग और 2435 शौचालय बना है। 19 स्कूलों का जहां कायाकल्प किया गया है वहीं 25 तलाब व 12 कच्चा संपर्क मार्ग बनाया गया है। इसके बाद भी गांव के कई हिस्सों में बिजली, पानी, पक्की सड़कों का अभाव है, जिसको कराया जाना बहुत ही जरूरी है। मालोघाट से मंगरहवां, पुड़िहरवा से भूरहाण, मैराडार से परासपानी समेत इन टोलों में कच्चा संपर्क मार्ग तक नहीं है। गांव के विकास में भूमिका निभाने वाले संबंधित विभागों की कमी के कारण परासपानी टोला में आठ वर्षों बाद भी सड़क नहीं बन सकी है। इससे लोगों का आवागमन करना दुश्वार हो गया है। गांव के टोलों में बनी कुछ पुलियों का कार्य तो पूर्ण हो गया है, लेकिन अभी भी तीन पुलिया अधूरी है। गांव के बीच एक भी हाईस्कूल या इंटरमीडिएट कालेज नहीं है। इसके चलते लोगों को प्राइवेट स्कूलों में आठवीं पास कर जाना पड़ता है। पनारी का सर्वाधिक भू-भाग पहाड़ी क्षेत्र वाला है।

ग्रामीण लल्लू दुबे ने बताया कि डैम पार गांवों तक जाने के लिए लोगों को ओबरा होकर जाना पड़ता है। अगर गड़वानी में डैम पर पीपा पुल बन जाए तो लोगों को आवागमन करना आसान हो जाएगा। राम अधार गुप्ता ने बताया कि गांव में बनी सड़क काफी खराब है। इस पर आवागमन करना बहुत ही कठिन हो रहा है। हरीलाल ने बताया कि वह 60 वर्ष से भी अधिक की उम्र पार कर गए हैं, लेकिन उन्हें वृद्धा पेंशन का लाभ नहीं मिलता है। कई घरों तक बिजली नहीं पहुंची है और न सोलर लाइट की सुविधा ही मिली है। जुड़वानी टोला में बनी अर्ध निर्मित पुलिया से बरसात के दिनों में आवागमन बंद हो जाता है। गांव में कच्चे मार्गों से चलना लोगों की मजबूरी है। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कालेज खोला जाए

गांव के बीच एक भी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कालेज नहीं है। इसके चलते लोगों को आठवीं पास करने के बाद विद्यालय न होने से पढ़ाई बाधित होती है। कालेज की मांग कई बार ग्रामीणों ने किया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जनसंख्या व मतदाता

पनारी ग्राम पंचायत की जनसंख्या 20298 और मतदाताओं की संख्या 13743 है। इसमें 6423 महिला व 7320 पुरुष मतदाता शामिल हैं। पनारी की चौहद्दी

पूरब में कोटा, पश्चिम में बैरपुर, कनहरा, उत्तर में ओबरा, डाला व दक्षिण में कुलडोमरी पंचायतें हैं। बजट के अनुसार कराया काम

निर्वतमान ग्राम प्रधान उदित नारायण ने बताया कि जस संरक्षण के लिए 15 कूपों की मरम्मत, 35 रिबोर, 20 बंधी का निर्माण कराया गया है। ग्रामीणों को पानी पीने के लिए 10 सोलर पंप, पांच पशु सेट समेत सीसी रोड व खड़ंजा का निर्माण कराया गया है। बजट के अनुसार काम कराए गए हैं। रपटा, बंधी, खडंजा आदि कार्यो को कराया जाना बाकी है। मत्थे का आंकड़ा

- 20

किमी दूरी चोपन विकास खंड पनारी ग्राम पंचायत की है। सड़कों की स्थिति खराब होने से किसी काम के चलते ब्लाक मुख्यालय पर पहुंचना लोगों के टेढ़ी खीर साबित होती है। - 919

प्रधानमंत्री आवास, 342 इंदिरा आवास गांव में बना है। 15 खड़ंजा मार्ग और 2435 शौचालय काम भी कराया गया है। 19 स्कूलों का कायाकल्प किया गया है।

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