दृष्टिहीन के खाते से 2.74 लाख गायब, प्राथमिकी दर्ज

जागरण संवाददाता सोनभद्र राब‌र्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बहुअरा गांव निवासी दृष्टिहीन जयसिंह।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:33 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:33 PM (IST)
दृष्टिहीन के खाते से 2.74 लाख गायब, प्राथमिकी दर्ज
दृष्टिहीन के खाते से 2.74 लाख गायब, प्राथमिकी दर्ज

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : राब‌र्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बहुअरा गांव निवासी दृष्टिहीन जयसिंह के खाते से 2.74 लाख रुपये उड़ाने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली। पुलिस ने अकाउंट को खंगालने के साथ ही कहा से रुपये निकाले गए हैं, इसकी जांच शुरू कर दी है।

बहुअरा गांव निवासी दृष्टिहीन जयसिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि छह सितंबर से 10 नवंबर के बीच उसके खाते से 2.74 लाख रुपये धोखाधड़ी कर निकाल लिया गया। इसका पर्दाफाश 15 अक्टूबर को तब हुआ जब वह बैंक में रुपये निकालने पहुंचा। उसे बैंक कर्मियों ने बताया कि उसके खाते से पहले ही 2.74 लाख रुपये निकल चुके हैं। यह जानकारी जयसिंह अवाक रह गया। उसने बैंक कर्मियों को बताया कि वह कभी बैंक आया ही नहीं। ऐसे में उसके खाते से रुपये कैसे निकल सकता है, लेकिन उसकी बातों का बैंक कर्मियों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया। बैंक कर्मियों के हीलाहवाली पर जयसिंह ने न्याय की गुहार पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव से लगाई थी। एसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने गुरुवार की शाम पांच बजे अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

वसूली के लिए दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नोटिस

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सरकारी धन के गबन के मामले में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अंतिम नोटिस जारी की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि दोनों को एक-एक सप्ताह का समय दिया गया है। समय से पैसा जमा न करने पर एफआइआर कराई जाएगी।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राब‌र्ट्सगंज परियोजना के बुड़हर कला की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता निर्मला देवी पर आरोप है कि तत्कालीन सीडीपीओ संतोष पाल से मिलीभगत कर धनराशि अपने खाते मंगा ली थी। बाद में वसूली के लिए पत्र भेजा गया, लेकिन पैसा जमा नहीं किया गया। अगर एक सप्ताह के भीतर पैसा जमा नहीं हुआ तो एफआइआर कराया जाएगा। इसी तरह कुसी की आंगनबाड़ी रेखा की मौत के बाद उनके पति राममूर्ति ने एक लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली। बकाया भुगतान के लिए कहा गया तो उन्होंने 10 हजार रुपये प्रति माह जमा करने के लिए कहा। कुछ दिन जमा करने के बाद वह भी बंद कर दिए। उन्हें भी नोटिस भेजकर एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर एक सप्ताह के भीतर बकाया जमा नहीं किए तो एफआइआर कराया जाएगा।

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