मांग में कमी के कारण 15 इकाइयों को रखा जा रहा बंद

जागरण संवाददाता ओबरा (सोनभद्र) बिजली की सबसे कम मांग वाले माह नवंबर में मांग में कमी लगात

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 04:49 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 04:49 PM (IST)
मांग में कमी के कारण 15 इकाइयों को रखा जा रहा बंद
मांग में कमी के कारण 15 इकाइयों को रखा जा रहा बंद

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : बिजली की सबसे कम मांग वाले माह नवंबर में मांग में कमी लगातार बनी हुई है। इसके कारण पिछले एक माह से प्रदेश की कई इकाइयां चालू नहीं हो पा रही हैं। अभी भी बिजली की मांग में कमी के कारण लगभग 15 इकाइयों को रिजर्व शटडाउन पर रखा गया है। फिलहाल बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग 280 मिलियन यूनिट के आसपास बनी हुई है। शीतकालीन सत्र के कारण वित्त वर्ष की अंतिम छमाही में बिजली की मांग 300 मिलियन यूनिट से कम रहती है।

अक्टूबर से लेकर मार्च तक बिजली की मांग कम होने के कारण महंगी बिजली पैदा करने वाली इकाइयों को अक्सर बंद रखा जाता है। अभी हरदुआगंज की 105 मेगावाट की एक, 250 मेगावाट की दो इकाई, पारीछा की 210 व 250 मेगावाट वाली दो-दो इकाइयां, रोजा की 300 मेगावाट की दो इकाइयां, टांडा की 110 मेगावाट की चार इकाइयां एवं ऊंचाहार की 210 मेगावाट वाली एक इकाई को अक्टूबर माह से ही बंद रखा जा रहा है। फिलहाल बंद इकाइयों के चालू होने की संभावना कम दिख रही है। इसके अलावा कई इकाइयां वार्षिक ओवरहालिग के कारण बंद रखी जा रही हैं। रविवार रात प्रदेश में बिजली की अधिकतम प्रतिबंधित मांग 276.30 मिलियन यूनिट के करीब दर्ज की गई। मांग में कमी के बीच सस्ती बिजली पैदा करने वाली इकाइयों से जमकर उत्पादन कराया जा रहा था। सोमवार की शाम तक ओबरा की 200 मेगावाट वाली नौवीं इकाई से 165 मेगावाट, दसवीं से 168 मेगावाट, ग्यारहवीं से 153 मेगावाट तथा बारहवीं से 147 मेगावाट उत्पादन जारी था। वहीं अनपरा की 210 मेगावाट वाली दो इकाइयों से 317 तथा 500 मेगावाट वाली चार इकाइयों से 1877 मेगावाट उत्पादन कराया जा रहा था। उत्पादन निगम की सभी इकाइयों से 2828 मेगावाट, अन्य सेक्टर की इकाइयों से 3644 मेगावाट तथा जल विद्युत इकाइयों से 171 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।

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