हवा में फरमान, जिम्मेदार सोए, क्रयकेंद्रों पर भीग गया गेहूं

मंडी समिति के क्रय केंद्र पर तिरपाल के नीचे से भीगती दिखीं की गेहूं बोरियां

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:45 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:45 PM (IST)
हवा में फरमान, जिम्मेदार सोए, क्रयकेंद्रों पर भीग गया गेहूं
हवा में फरमान, जिम्मेदार सोए, क्रयकेंद्रों पर भीग गया गेहूं

जागरण टीम, सीतापुर : डीएम विशाल भारद्वाज ने कुछ दिनों पहले ही बैठक में आगाह किया था कि खरीद केंद्रों पर गेहूं भीगा तो संबंधित अफसर जिम्मेदार होंगे। समय गुजरा और जिम्मेदार तमाशा देखते रहे। अब बारिश हुई है तो गेहूं भीग ही गया है। आइए, जान लेते हैं क्रय केंद्रों का हाल-

नवीन गल्ला मंडी के क्रय केंद्रों पर खुले में जमीन पर लगे गेहूं को ऊपर से तो ढक दिया गया, लेकिन नीचे पानी जाने से बोरियां भीगती दिखीं। गल्ला मंडी में मंडी समिति के बाहर तिरपाल व पन्नी डाली गई थी। वहीं नीचे की कई लाइनों में लगा गेहूं बारिश में भीग रहा था। विपणन शाखा के क्रय केंद्र पर गेहूं के बोरे भीग रहे थे। केंद्र पर तौल नहीं हो रही थी। वहीं कोआपरेटिव के क्रय केंद्र पर भी तौल नहीं की जा रही थी। हैरानी की बात यह है कि डीएम के निर्देश के बाद जिम्मेदार नहीं जगे। सिर्फ ऊपर से बोरियां ढक देने से गेहूं बारिश में कैसे बचेगा, यह जिम्मेदारों ने नहीं सोचा।

गेहूं को बारिश और बेसहारा जानवरों से बचाने की जिद्दोजहद

गल्ला मंडी के क्रय केंद्र पर चार दिन से तौल का इंतजार कर रहे किसान प्रमोद काफी परेशान थे। ट्राली में भरे गेहूं को बारिश और बेसहारा जानवरों से बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। पीसीयू के खरीद केंद्र पर भी एक किसान की ट्राली खड़ी थी। गेहूं को पन्नी से ढका गया था। पल्लेदार ने बताया कि, तीन दिन से ट्राली खड़ी है। कई अन्य किसानों की ट्रालियां भी क्रय केंद्र पर खड़ी नजर आई। गेहूं को बारिश से बचाने के लिए किसानों ने उसे पन्नी से ढक रखा था।

लहरपुर मंडी में भीग गया गेहूं

लहरपुर : मंडी के क्रय केंद्रों के बाहर लगा गेहूं पन्नी व तिरपाल से बचाया नहीं जा सका। पन्नी और तिरपाल ऊपर पड़ा ही रहा, नीचे से कई क्विंटल गेहूं भीग गया। मंडी के क्रय केंद्रों पर सोमवार को गेहूं खरीद नहीं की गई।

वर्जन

क्रय केंद्रों को गेहूं को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया जाएगा। गेहूं के भंडारण को लेकर पूर्व में भी अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।

- विनय पाठक, एडीएम

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