कलेक्ट्रेट और विकास भवन तक में रेन वाटर हार्वेस्टिग नहीं
300 स्क्वायर मीटर के निजी भवन में जल संचयन प्लांट बनाने का निर्देश
सीतापुर : वर्षा जल संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ी तो है लेकिन, अब भी तमाम कार्यालय रेन वाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं। कलेक्ट्रेट और विकास भवन भी अब तक रेन वाटर हार्वेस्टिग नहीं बनवा पाए हैं। हालांकि, निकायों में काम हुआ है। वर्षा जल को संचित करने के लिए कुछ निकायों में अपने अन्य सरकारी भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बना दिया है। वहीं सदर तहसील परिसर में कई वर्षों पूर्व वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बना था। जिले के कई ऐसे भी कार्यालय हैं, जहां वाटर हार्वेस्टिग प्लांट निर्माण में हीलाहवाली हो रही है, इसमें आला अधिकारियों के कार्यालय भी शामिल हैं।
15 वें वित्त से बनेगा जल संचयन केंद्र
नगर निकाय, अपने कार्यालयों के अलावा अन्य भवनों में भी वर्षाजल संचयन केंद्र बनाएगा। इसकी कार्ययोजना मांगी गई है। नगर निकाय 15 वें वित्त आयोग की धनराशि से वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का निर्माण कराएंगे।
मनरेगा की मदद से स्कूलों में बन रहा वाटर हार्वेस्टिग प्लांट
वर्षा जल को संरक्षित करते के लिए सरकारी स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनाया जा रहा है। मनरेगा की मदद से लघु सिचाई विभाग प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में जल संचयन प्लांट बनवा रहा है। बीते वित्तीय वर्ष में 104 परिषदीय स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनाने का लक्ष्य था, 50 से अधिक स्कूलों में निर्माण भी पूरा हो गया। वहीं चालू वित्तीय वर्ष में यह लक्ष्य करीब 1400 रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट निर्माण का है।
300 स्क्वायर मीटर एरिया है तो बनवाएं जल संचयन प्लांट
विनियमित क्षेत्र के जेई के मुताबिक शहर के ऐसे निजी भवन व कार्यालय जिनका एरिया 300 स्क्वायर मीटर है, उन्हें वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनवाना होगा। शहर में कई निजी भवनों में जल संचयन प्लांट का निर्माण कराया भी जा चुका है। अन्य भवनों के निर्देश पूर्व में ही जारी किया जा चुका है।
वर्जन
सभी सरकारी कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनवाने का निर्देश जारी किया गया है। 104 स्कूलों में जल संचयन प्लांट बनवाया जा रहा है। करीब 70 स्कूलों में काम भी पूरा हो चुका है।
- रामेश्वर सिंह, सहायक अभियंता लघु सिचाई