जागरूकता की 'डोज' से थम नहीं रहे हादसे
सफर में रोड लोड मोशन व कंडीशन तय करती है हादसे की प्रकृति वाहन की गति कंट्रोल में हो वायपर चालू हों रिफ्लेक्टर-इंडीकेटर काम करें
सीतापुर : सड़क सुरक्षा सप्ताह जिले में शुरू हो गया है। पहले की तरह इस बार भी लोगों को ट्रैफिक नियम बताए जाने लगे हैं, पर हादसे के आंकड़े हैरत में डालने वाले हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो परिवहन विभाग की जागरूकता का असर वाहन चालकों पर होता नहीं दिख रहा है। हादसों में काफी वृद्धि हुई है। इसके कई कारण भी माने जा रहे हैं। पहला तो मार्गों में गहरे गड्ढों की संख्या में व्यापक इजाफा हुआ है। दूसरा मार्ग के फुटपाथ भी गड्ढायुक्त हो गए हैं। तीसरा, वाहन चलाने के दौरान नशा या मोबाइल पर बातचीत करने से हादसे हो रहे हैं। ओवरटेक के दौरान काफी हादसे होते देखे जा रहे हैं। एआरटीओ भी सलाह देते हैं कि ओवरटेक बड़ी सावधानी पूर्वक करना चाहिए। ओवरटेक में जल्दबाजी जान ले लेती है। ओवरटेक के समय वाहन की गति कंट्रोल में जरूरी है। बारिश के दिन हैं इसलिए वाहन में वायपर चालू रखें। रिफ्लेक्टर-इंडीकेटर काम करें।
हादसे की प्रकृति
एआरटीओ प्रवर्तन उदित नारायण पांडेय कहते हैं कि ओवर स्पीड, नशा, मोबाइल पर बातचीत और गड्ढे वाली सड़क हादसे की प्रकृति है। रोड, लोड, मोशन (गति) और कंडीशन, इन चार स्थितियों में हादसे की प्रकृति बनती है। रोड मतलब, सड़क की स्थिति और लोड जैसे गाड़ी पर लोडिग व ड्राइवर की मानसिक स्थिति फिर मोशन अर्थात वाहन की गति भी हादसे की प्रकृति तय करती है। इसी तरह कंडीशन अर्थात वाहन चलाने के वक्त वातावरण की स्थिति क्या है।
हादसे की यह भी हैं वजहें
खराब सड़क, तेज गति, ओवरटेक में असावधानी, बिना डिपर के क्रॉस लेना आदि। इतना समझ लीजिए कि यदि बाइक सवार हेलमेट लगाए हैं तो बचाव की उम्मीद अधिक होती है। हेडंजरी नहीं होती। इसी तरह कार में यदि यात्री सीट बेल्ट लगाए हैं तो वह गाड़ी से बाहर उछलकर नहीं गिरेंगे। पीछे से बैग डोर से नहीं टकराएंगे, स्टेयरिग में चेस्ट नहीं टकराएगा।
पिछले तीन वर्षों में सड़क हादसे
वर्ष - हादसे - मृत्यु - घायल
2019 - 153 - 21 - 284
2020 - 117 - 22 - 211
2021 - 164 - 94 - 94 (अप्रैल से जुलाई तक)
अप्रैल से जुलाई तक हादसे
वर्ष - हादसे - मृत्यु - घायल
2019 - 50 - 07 - 109
2020 - 21 - 05 - 25
2021 - 164 - 94 - 94
स्त्रोत : एआरटीओ कार्यालय सीतापुर।
बचाव उपकरणों का प्रयोग हो..
सफर में हादसों से सुरक्षित करने वाले उपकरण हैं, पर चालक उनका प्रयोग बहुत ही कम करते हैं। बचाव के उपकरण का मतलब हेलमेट, सीट बेल्ट, एअर बैग..। कार में एअर बैग काम तभी करेगा, जब यात्री सीट बेल्ट लगाए होगा।
डा. उदित नारायण पांडेय, एआरटीओ-प्रवर्तन