गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच सीतापुर तक पहुंची

कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी व कैशियर से पूर्व में सीबीआइ कर चुकी पूछताछ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 11:45 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 11:45 PM (IST)
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच सीतापुर तक पहुंची
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच सीतापुर तक पहुंची

सीतापुर : समाजवादी पार्टी सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट के घाटाले की आंच सीतापुर सिचाई कार्य मंडल तक आ गई है। वैसे पूर्व में भी इस संबंध में सीतापुर सिचाई कार्य मंडल कार्यालय व उससे जुड़े शाहजहांपुर डिवीजन के अधिकारी-कर्मचारी सीबीआइ दफ्तर में तलब किए जा चुके हैं। इसी क्रम में सोमवार को फिर सीतापुर सिचाई कार्यालय में सीबीआइ अधिकारियों के आकर रिकार्ड खंगालने की चर्चा पूरे दिन रही। वैसे सोमवार को सीतापुर सिचाई कार्य मंडल कार्यालय में सीबीआइ के आने की बात से अधीक्षक अभियंता प्रभाकर प्रसाद ने इन्कार किया है। उन्होंने कहा, यदि सीबीआइ का अफसर कोई उनके कार्यालय या फिर शारदा कैनाल में आता तो उन्हें जरूर मालूम होता। खैर, गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के समय सीतापुर सिचाई कार्य मंडल में सुरेंद्र पाल बतौर अधीक्षण अभियंता तैनात थे। वह यहां 2014 से 2016 तक रहे। इनके कार्यकाल में शाहजहांपुर डिवीजन ने गोमती रिवर फ्रंट में करीब पांच-छह करोड़ रुपये की लागत के कार्य जरूर कराए थे। इन कार्यों के टेंडर सीतापुर सिचाई कार्य मंडल कार्यालय से जारी हुए थे। टेंडर की पूरी प्रक्रिया यहीं हुई थी। घोटाला सार्वजनिक होने के बाद सीबीआइ ने इसकी जांच शुरू की है। अभी तक सीबीआइ सीतापुर सिचाई कार्यमंडल कार्यालय के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी रहे सुंदरलाल और कैशियर राकेश तिवारी को तलब कर उनसे लंबी पूछताछ कर चुकी है। सुंदर लाल तो अब रिटायर हो गए हैं, पर राकेश तिवारी अब सिचाई खंड सीतापुर कार्यालय में तैनात हैं। उधर, खबर मिल रही है कि सोमवार को सीबीआइ अधिकारियों ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के संबंध में सीतापुर सिचाई कार्य मंडल के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र पाल से उनके घर पर जाकर पूछताछ की है।

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