फरियादियों को नहीं होते अफसरों के 'दर्शन'
मिश्रिख तहसील का बुरा हाल एसडीएम और सीओ के दफ्तर 12 बजे तक बंद
मिश्रिख (सीतापुर):
डीएम विशाल भारद्वाज मंगलवार को सीडीओ अक्षत वर्मा के साथ विकास भवन का मुआयना करने पहुंचे तो सात अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचे थे। यह दिक्कत सिर्फ जिला मुख्यालय पर ही नहीं, तहसीलों की भी है। बुधवार को मिश्रिख तहसील पर दो बड़े अफसरों एसडीएम और सीओ के दफ्तर फरियादियों के लिए सुबह 11:30 बजे बंद थे। अफसरों के पास अपने तर्क हैं लेकिन, हकीकत यह है कि इस अव्यवस्था से फरियादियों को परेशानी हो रही है।
बुधवार को दैनिक जागरण की टीम ने मिश्रिख तहसील के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया तो कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं मिला। सुबह 11:35 बजे सीओ कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था। यहां पर खड़े फरियादी सीओ का आने का इंतजार कर रहे थे। जब सीओ नहीं आए तो वे अपनी शिकायत लेकर वापस चले गए। इसी प्रकार एसडीएम कार्यालय के बाहर भी फरियादी थे। वे भी इंतजार कर रहे थे।
जनता की जुबानी, अफसरों की कहानी
दलेलनगर निवासी सुंदरलाल भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि 12 बजे तक उप जिलाधिकारी नहीं आए। काफी इंतजार किया। अब कुछ देर नहीं आए तो वापस जाना पड़ेगा। बीहटबीरम निवासी हरिनरायन दीक्षित भी शिकायत लेकर आए थे लेकिन, एसडीएम 12 बजे तक नहीं मिले तो अपना प्रार्थना पत्र लेकर वापस चले गए। भाजपा के मंडल अध्यक्ष सतीश शास्त्री भी एसडीएम मिश्रिख के दफ्तर में पहुंचे थे। उनकी भी 12 बजे तक एसडीएम से मुलाकात नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कई फरियादी वापस लौट गए। भाजपा के ही पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेम तिवारी तो अफसरों की कार्यशैली से खासे नाराज दिखे। कहा, एसडीएम और सीओ के जनमिलन में न बैठने से फरियादी इधर-उधर घूमते रहते हैं। शासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
'मेरा स्वास्थ्य सही नहीं है। अभी कुछ देर पहले ही कार्यालय से आया हूं।'
- एमपी सिंह, सीओ
'मैं सुबह कार्यालय गया था। कुछ जरूरी काम से वापस आ गया हूं।'
- गिरीश झा, एसडीएम मिश्रिख