कोविड से जीती जंग, योद्धा बोले, हिम्मत न हारें, हौसला रखें

सीतापुर कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को काफी अच्छी खबर आई है। खैराबाद एल-2 से चार लोग कोरोना को हराकर घर सकुशल घर लौटे हैं। इसमें कसमंडा क्षेत्र की सात वर्ष की बालिका भी है। इन सबने यही सलाह दी है कि कोविड से डरें नहीं बचाव करें।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 11:28 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 11:28 PM (IST)
कोविड से जीती जंग, योद्धा बोले, हिम्मत न हारें, हौसला रखें
कोविड से जीती जंग, योद्धा बोले, हिम्मत न हारें, हौसला रखें

सीतापुर : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को काफी अच्छी खबर आई है। खैराबाद एल-2 से चार लोग कोरोना को हराकर घर सकुशल घर लौटे हैं। इसमें कसमंडा क्षेत्र की सात वर्ष की बालिका भी है। इन सबने यही सलाह दी है कि कोविड से डरें नहीं, बचाव करें।

बोले कोरोना विजेता : सात वर्ष की सोनिका को रविवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वह कसमंडा के रेहुआ की है। वह कहती हैं रोगी हिम्मत न हारे। सोनिका का मानना है कि कोरोना से डरे नहीं, अन्यथा कमजोर हो जाएंगे। बस, हौसला रखें सब ठीक हो जाएगा। कहा, कोविड से अपने और घर वालों के साथ ही जिससे आप मिल रहे हैं उसको बचाएं और खुद बचें। मास्क लगाएं, बहुत अच्छा रहेगा यदि आप घर से बाहर न जाएं। सोनिका तीन बहनों में दूसरे नंबर की है। पिता संतोष की ढाई-तीन साल पहले मौत हो गई थी। सोनिका को उसके फूफा बाबूराम बाइक से अस्पताल से ले गए हैं।

कोरोना से घबराए नहीं : 40 वर्ष के शाहिद कोरोना से जंग जीतने वाले योद्धा हैं। यह खैराबाद के चिल्ला सरांय के हैं। शाहिद ईश्वर के साथ ही डाक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का अपने को शुक्रगुजार मानते हैं। शाहिद कोविड रोगी को ठीक हो जाने का हौसला रखना जरूरी मानते हैं। कहते हैं, यदि कोरोना हो गया है तो घबराए नहीं। जब तक आप अस्पताल में नहीं पहुंच पाते हैं उस समय तक अपने को घर-परिवार से अलग कर लें। एक कमरे में क्वारंटाइन हो जाएं। गरम पानी पिएं। बताया, अस्पताल में सुबह उन्हें चाय-बिस्किट फिर दवा और दोपहर को दाल, चावल, रोटी, सब्जी खाने में मिलता था।

बुजुर्ग अफाक ने भी दी मात : खैराबाद के तुरसावां के अफाक हुसैन 63 वर्ष के हैं। दिल्ली से आकर मेडिकल कालेज में दवा लेने गए थे। वहीं से अफाक अपने को संक्रमित होना बताते है। कहते हैं अब वह ठीक हैं, पर फेफड़ों में दिक्कत है। सर्जरी होनी है। बुजुर्ग अफाक कहते हैं एल-2 में भर्ती रोगियों का डाक्टर व अन्य स्टाफ बहुत ख्याल रखता है। वैसे बूढ़े शरीर में कोरोना का संक्रमण आने पर वह जिदगी से उम्मीद छोड़ चुके थे, पर उन्हें डाक्टरों ने बचा लिया। अफाक सीख देते हैं कि आपस में दूरी जरूर बनाए रखें। खुद को बचाएं और दूसरों को बचाए रखें। खांसी, जुकाम, बुखार होने पर एहतियात बरतें। गरम पानी का सेवन करें हताश न हों, खुश रहें।

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