हक के लिए गरजे शिक्षक, मांगी पुरानी पेंशन
विकास भवन पर धरना दिया कलेक्ट्रेट तक मार्च भी निकाला। प्रदर्शनकारियों ने महंगाई भत्ते का बकाया भुगतान भी मांगा।
सीतापुर : कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने जिला मुख्यालय पर पुरानी पेंशन के लिए फिर से हुंकार भरी है। विकास भवन पर धरना देने के बाद मंच से जुड़े पदाधिकारियों ने मार्च निकाला और मांगों से संबंधित ज्ञापन भेजा।
पुरानी पेंशन की मांग को लेकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने जंग छेड़ रखी है। इसी के मद्देनजर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन रखा गया था। इसमें विभिन्न कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों और सदस्यों ने शिरकत की। मंच के महासचिव आलोक मिश्र बताते हैं कि धरना प्रदर्शन के बाद हमने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसील सदर को ज्ञापन सौंपा। हम सब पुरानी पेंशन बहाली की मांग लंबे अर्से से करते चले आ रहे हैं।
कर्मचारियों को जब तक उनका हक नहीं दिया जाता तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा। हम अपना हक लेकर ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान, सरकार की ओर से काटे गए भत्तों की बहाली, शिक्षकों की पदोन्नति एवं अंतरजनपदीय स्थानांतरण, शिक्षामित्रों के स्थायीकरण, कर्मचारियों की पदोन्नति एवं कलेक्ट्रेट को जनपदीय सचिवालय घोषित करना शामिल है।
सात महीने का मानदेय दिलाएं :
उप्र मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन सीतापुर के पदाधिकारियों ने भी प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। संगठन के पदाधिकारियों ने अपनी दस सूत्री मांगें अफसरों के समक्ष रखी हैं। उनका कहना है कि सात माह के बकाया मानदेय का भुगतान अविलंब कराया जाए। इसके अलावा हाईकोर्ट के फैसले को लागू करते हुए रसोइयों को न्यनतम वेतन और एरियर का भुगतान कराया जाए। यही नहीं, आशा और आंगनबाड़ी वर्कर को भी मिनिमम वेजेज एक्ट के आधार पर भुगतान दिया जाए। इसके अलावा रसोइयों को 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशें के अनुसार 21 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय और 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दिए जाने की मांग रखी है।
आशाओं ने भी दिया ज्ञापन :
उप्र आशा वर्कर्स यूनियन के बैनर तले भी आशा बहुओं ने प्रदर्शन किया और 15 सूत्री मांगें ज्ञापन के जरिये रखीं। आशाओं ने अपना मानदेय नौ हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने की मांग रखी। इसके अलावा छह माह के बकाया मानदेय का शीघ्र भुगतान करने की भी मांग रखी। आशा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि उनके सभी पुराने बकाया भुगतान शीघ्र कराए जाएं।