शांत माहौल में गूंजती आरी और कुल्हाड़ी की बातें

उम्मीदवारों ने शुरू की प्रतीक चिह्न मुहर लगाने की अपील गांवों में गूंज रही है प्रतीक चिह्न पर वोट करने की आवाजें

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 12:06 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 12:06 AM (IST)
शांत माहौल में गूंजती आरी और कुल्हाड़ी की बातें
शांत माहौल में गूंजती आरी और कुल्हाड़ी की बातें

जितेंद्र अवस्थी, सीतापुर:

अरे, सुनो..आरी भूल मत जाना। घर मे भी सबको बता देना। कुल्हाड़ी याद रखें.. फला भइया आए हैं-कुल्हाड़ी लाए हैं.. गांवों के शांत माहौल में आजकल आरी और कुल्हाड़ी की आवाजें गूंज रही है। आरी और कुल्हाड़ी, कैंची-छड़ी की यह बातें चोरी-छिपे नहीं, खुलेआम की जा रहीं है। हाल तो ये है कि लाउड स्पीकर पर भी आरी का ध्यान रखने की बात सुनाई देती है। चौंकिए मत, ये वाक्य झगड़े-फसाद के लिए नहीं प्रयोग नहीं किए जा रहे। पंचायत पदों के दावेदार इन चुनाव निशान पर वोट करने की अपील कर रहे हैं। दरअसल, जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों को इस बार आरी, कुल्हाड़ी, कैची, क्रेन, छड़ी, पिस्तौल प्रतीक चिह्न मिले हैं। प्रतीक चिह्न तालिका में आरी निशान सबसे ऊपर है। पांचवें नंबर पर कुल्हाड़ी और उसके बाद कैंची निशान है। जिला पंचायत के सभी वार्डों में यह निशान आवंटित हुए हैं। चुनाव निशान मिलते ही उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। गांव-गांव जाकर मतदाताओं को आरी, कुल्हाड़ी व कैंची आदि पर वोट करने की अपील की जा रही है। प्रचार वाहनों पर लगे लाउड स्पीकर भी इन निशानों को याद रखने की बात कहते सुने जा रहे हैं। मतदाता भी अपने जान-पहचान के लोगों को इन निशानों की जानकारी दे रहे हैं।

गदा-त्रिशूल और तोप को रखो याद

आरी-कुल्हाड़ी के अलावा गांवों में गदा-त्रिशूल व तोप को याद रखने की आवाज भी सुनाई दे रही है। प्रधान पद के उम्मीदवारों को गदा व तोप चुनाव निशान आवंटित हुआ है। उम्मीदवार घर घर जाकर इन प्रतीक चिह्नों को याद रखने की बात मतदाताओं से कर रहे हैं। परिवार के सभी वोटरों को इन चुनाव निशान पर वोट करने की अपील की जा रही है। मतदाताओं को नमूना मतपत्र भी दिए जा रहे हैं। प्रचार के शोर में कार, किताब और उगता सूरज भी शामिल

गांवों में हो रहे चुनाव प्रचार में कार, किताब, कप-प्लेट, उगता सूरज व अनाज ओसाता किसान भी शामिल हैं। इन चुनाव चिह्नों पर अधिकतर गांवों में वोट मांगे जा रहे हैं। कप-प्लेट चुनाव निशान भी अधिकांश जिला पंचायत सदस्यों को आवंटित हुआ है। वहीं प्रधान पद के उम्मीदवारों को किताब निशान मिला है।

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