बीमार बच्चों, तीमारदारों से भरे बच्चों के वार्ड में मरम्मत व रंगाई-पोताई की जल्दबाजी

जिम्मेदारों की अनदेखी में समस्याओं से जूझते रोगी नहीं थम रहा संक्रामक रोग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 10:35 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 10:35 PM (IST)
बीमार बच्चों, तीमारदारों से भरे बच्चों के वार्ड में मरम्मत व रंगाई-पोताई की जल्दबाजी
बीमार बच्चों, तीमारदारों से भरे बच्चों के वार्ड में मरम्मत व रंगाई-पोताई की जल्दबाजी

सीतापुर: जुकाम, बुखार, खांसी, झटके वाले रोगियों की संख्या में इजाफा ही देखा जा रहा है। शनिवार को भी जिला अस्पताल की ओपीडी में इतनी भीड़ कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी। पर्चा-दवा काउंटर पर दो-दो व तीन-तीन लंबी लाइने थीं। लाइन में खड़े रोगी या तीमारदार एक-दूसरे को पीछे कर आगे पहुंचने की होड़ में थे।

वहीं, दोपहर करीब दो बजे तक 2093 रोगियों को पर्चे बंटे। दवा काउंटर से दवाएं लेकर लाइन से बाहर आए लालपुर के शत्रोहन ने बताया, बुखार है। कई दिन से खांसी भी आ रही है। कहा, सुबह 8.15 बजे अस्पताल आ गए थे। पर्चा लेने में आधा घंटा लग गया। फिर ओपीडी में डाक्टर के पास पहुंचने में भी तमाम धक्के खाने पड़े। लाइन में करीब एक घंटे खड़े रहे तब डाक्टर के पास पहुंचे। डाक्टर ने समस्या पूछी, दवाएं लिख दीं। फिर काउंटर पर दवा लेने में 40 मिनट लग गए। इस तरह दवा पाने तक कुल दो घंटे लगे हैं।

अव्यवस्था के बीच बीमार बच्चों का इलाज

चिल्ड्रेन वार्ड: तीन शौचालय हैं, पल्ले नहीं हैं, मुख्य दरवाजा है। मरम्मत, रंगाई-पोताई चल रही है। शनिवार दोपहर तक 27 बच्चे भर्ती थे। बुखार के आठ, झटके वाले छह, निमोनिया के सात, मलेरिया के तीन व कुछ अन्य रोगी बच्चे शामिल हैं। सुबह 11 बजे तक और आठ नए बच्चे भर्ती हो गए थे। हरगांव के रीछिन की ऊषा बिटिया जूली को गीले कपड़े से पोछ रही थीं। कहा, बिटिया बोल नहीं रही है आंखें भी नहीं खोल रही है। उसकी हालत देखकर बहुत डर लग रहा है। बीबीपुर रामशरण व उनकी पत्नी सावित्री बीमार बेटे सत्यपाल की हालत देख परेशान थे। चित्र-18 एसआइटी-11-

हमें कई दिनों से खांसी, जुकाम व बुखार आ रहा है। जिला अस्पताल में इतनी भीड़ होगी, अगर यह पता होता तो हम यहां नहीं आते। परेशान हो गए हैं। शरीर कांप रहा है। दवा पाने और डाक्टर को दिखाने के लिए हमने दो घंटे संघर्ष किया है।

-रफीक अहमद, पाताबोझ-महोली चित्र-18 एसआइटी-12-

दाई आंख में चार-पांच महीने से दिक्कत है। अब यह आंख लाल हो गई है। डाक्टर ने देखकर दवा लिखी थी। दवा मिल भी गई है, पर भीड़ में घंटों लाइन लगाए रहने के कारण शरीर निढाल हो गया है। अस्पताल में बहुत अव्यवस्था है।

-राजकुमार, मासूमपुर-खैराबाद

chat bot
आपका साथी