खतरे में मेउड़ी छोलहा गांव, असफल हो रहे बचाव कार्य

मुख्तियार रफीक सलीम और इख्तियार के पक्के घर कटे बेघर हो गए परिवार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:15 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:15 PM (IST)
खतरे में मेउड़ी छोलहा गांव, असफल हो रहे बचाव कार्य
खतरे में मेउड़ी छोलहा गांव, असफल हो रहे बचाव कार्य

सीतापुर: मेउड़ी छोलहा में शारदा नदी ने मंगलवार को मुख्तियार, रफीक, सलीम और इख्तियार के पक्के घरों को काट दिया है। इनके घर जमींजोद होकर नदी की धार में बह गए हैं। गनीमत रही कि इन लोगों ने परिवार के साथ ही गृहस्थी को भी समय से सुरक्षित कर गांव के विद्यालय में आसरा ले लिया था। इनकी तरह ही गांव में तीन दर्जन से अधिक लोगों के घर कटान के मुहाने पर आ गए हैं।

घर के कटान को देख परिवार गृहस्थी समेट कर प्राथमिक विद्यालय में शरण ले रहे हैं। शारदा के कटान को देख मेउड़ी छोलहा गांव डरा हुआ है। हालांकि सिचाई अधिकारी कटान रोकने की कोशिश में लगे हैं, पर नदी के कोप के आगे वह असफल हो जा रहे हैं। शारदा ने कई किसानों के कुल 18 बीघा फसल समेत खेत को काटकर अपने में शामिल कर लिया है। यह खेत मोतीलाल, भगवती, शत्रोहन, श्रीकृष्ण, कल्लू, गोकरन, संतू, प्रेमा, समउद्दीन, मोहम्मद हुसैन, हामिद अली, अलीशेर, रियाजुद्दीन, प्रेमकांत, संतोष, महारानी, मुनेजर के थे। ग्रामीणों का कहना है कि साल के छह महीने शारदा-घाघरा नदियों का कहर रहता है। सद्दाम हुसैन, गुड्डू, इजराइल, रियाज, जगदीश व सुंदर का कहना है कि अगर इसी तरीके से नदी कटान करेगी तो गांव का नामोनिशान मिट जाएगा। वहीं दूसरी तरफ घाघरा इन दिनों दुर्गापुरवा में कहर ढाए है। यहां भी कटान हो रहा है।

असफल हो रहे प्रयास:

सिचाई विभाग के सहायक अभियंता पुष्कर वर्मा ने बताया, कटान रोधी कार्य हो रहा है। बंबू क्रेट, गेवियन रोप में पेड़ की डाल, पत्ते व ईंट रोड़ा भरकर लगाया जा रहा है। बालू से भरी बोरियों की जाल बनाकर लगाया जा रहा है लेकिन, नदी कटान रोधी कार्य को बहा ले जा रही है।

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