गोशाला में 20 गोवंश बीमार, चिह्नित जमीन पर नहीं बोया चारा

रेउरी में 401 गोवंश भूसा है न पानी मुरहाडीह गोशाला में हरा चारा न बिजली इंतजाम

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 10:33 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 10:33 PM (IST)
गोशाला में 20 गोवंश बीमार, चिह्नित जमीन पर नहीं बोया चारा
गोशाला में 20 गोवंश बीमार, चिह्नित जमीन पर नहीं बोया चारा

सीतापुर: सिधौली तहसील क्षेत्र में नौ गोशालाओं का मुआयना हुआ है। इसमें 20 गोवंश बीमार पाए गए हैं। कहीं दो तो कहीं चार पशु बीमार पाए गए हैं। गंदगी व कीचड़ भी पाया गया है। गोवंशों के हरे चारे के लिए जमीन चिह्नित हैं, पर जिम्मेदारों ने अभी तक चारा की बोआई नहीं कराई है। दरअसल, सिधौली एसडीएम ने बीडीओ, डिप्टी सीवीओ और पशु चिकित्साधिकारी के साथ क्षेत्र की नौ गो आश्रय स्थलों की व्यवस्थाएं देखीं।

रेउरी के गो आश्रय स्थल में 401 गोवंश हैं। इनमें चार बीमार बताए जा रहे हैं। यहां भूसा स्टोर बनाया गया है, पर छत अभी नहीं पड़ सकी है। यहां भूसे का स्टाक निल है। धरौली गो आश्रय स्थल पर 110 गोवंश हैं, दो बीमार हैं। गोवंशों के पीने के पानी तालाब से लाया जाता है। चरनी, शेड व पानी के लिए हौज नहीं है। नवागांव के गो आश्रय स्थल में 36 गोवंश हैं। इनमें एक पशु बीमार है। यहां भूसा घर नहीं बना है और न ही हरे चारे का इंतजाम है। कसावां में 140 गोवंश हैं। दो पशु बीमार हैं। बीमार गोवंशों के लिए बाड़े का काम अधूरा है। मुरहाडीह के गो आश्रय स्थल में 40 गोवंश हैं। एक पशु बीमार है। यहां हरे चारे और बिजली के इंतजाम नहीं हैं। कीचड़ भी है।

बहरीमऊ के गो आश्रय स्थल में 190 पशु हैं। तीन गोवंश बीमार चल रहे हैं। हरे चारे की व्यवस्था यहां नहीं है। वैसे हरे चारे के लिए जमीन चिह्नित है पर जिम्मेदारों ने अभी तक चारे की बोआई नहीं कराई है। महोली गांव के गो आश्रय स्थल पर 140 गोवंश हैं। चार पशु बीमार चल रहे हैं। हरा चारा व दाना की यहां भी समस्या है। कीचड़ व गंदगी भी है। हमीरपुर गोशाला में 38 पशु हैं। एक गोवंश बीमार चल रहा है। पानी के लिए हैंडपंप लगा है। हरे चारे की यहां भी दिक्कत है। वैसे जमीन है, पर उसमें चारा बोया नहीं गया है। दाउदपुर के गो आश्रय स्थल पर 80 पशुओं में दो बीमार हैं। हरे चारे की बोआई कराई गई है।

गोशाला में 200 गायें, खाने का नहीं कोई इंतजाम

सीतापुर: महमदपुर में सुभाष गोशाला है। इसमें दो सौ से अधिक गायें हैं। यहां चारा है न भूसा। भूखों न मरें, इसलिए बाबा सुभाष दिन भर रेलवे लाइन के किनारे इन गायों को चराते रहते हैं। गोशाला में एक-डेढ़ फिट कीचड़ भरा है। गायें बैठ नहीं पाती हैं। इस कीचड़ के कारण ही कई गायों के पैरों में घाव हो गए हैं और उनमें कीड़े पड़ गए हैं।

ये बातें गुरुवार दोपहर 3.42 बजे दैनिक जागरण कार्यालय में फोन कर कंडी चांदपुर के सत्येंद्र यादव ने बताई। सत्येंद्र गुहार लगा रहे थे। कहा, 'सर..हमारी गायों के लिए चारे का और बीमार गायों के इलाज का इंतजाम करा दीजिए।'

सत्येंद्र को डीएम का सीयूजी नंबर बताया गया। कुछ देर बाद सत्येंद्र दोबारा फोन कर बताया, डीएम का फोन रिसीव हुआ था पर आवाज नहीं आ रही थी। दूसरी बार काल की तो डीएम का फोन नहीं उठा। सत्येंद्र ने बताया, करीब पंद्रह दिन पहले वह बीमार गाय को महमूदाबाद पशु चिकित्सालय ले गया था।

डाक्टर उनसे अस्पताल में किसी तरह की दवा न होने की बात कहकर लौटा दिया था। संबंधित यह गाय आज भी बीमारी के कारण उठकर खड़ी नहीं हो पा रही है। इस मामले में महमूदाबाद एसडीएम आरडी राम के सीयूजी पर काल की गई तो फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर होना बताया।

वहीं, तहसीलदार मनीष कुमार का कहना है कि हमें इस मामले की जानकारी ही नहीं थी। वह गोशाला में समस्याओं की जांच कराकर आवश्यक इंतजाम करा रहे हैं।

chat bot
आपका साथी