शुरू हो गया रहमतों बरकतों का माह ए रम•ान

रोजेदार करेंगे अल्लाह से अपनी व मुल्क की सलामी की दुआ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 12:04 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 12:04 AM (IST)
शुरू हो गया रहमतों बरकतों का माह ए रम•ान
शुरू हो गया रहमतों बरकतों का माह ए रम•ान

सीतापुर: अल्लाह की रहमतों का माह ए रमजान का मुबारक सफर शुरू हो गया है। रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से आ•ादी के तीन असरों (भागों) के इस सफर में खुदा रोजदारों पर बेशुमार बरकतों की बारिश करता है। रोजेदारों के लिए माह रमजान तमाम नेमतें लेकर आया है। इस माह में गुनाहों से माफी मिलती है। ये सफर तीन तीन चरणों में पूरा होता है। इसका पहला असरा रहमत का है। यानी दस दिन तक खुदा रोजेदारों पर रहमत अता करता है। दूसरा असरा मगफिरत का है। इसमें गुनाहों से माफी मिलती है। तीसरे असरे में अल्लाह रोजेदारों को रोजे, कुरआन ए पाक की तिलावत और नेकियों के बदलें, जहन्नुम से आजाद करता है। कोरोना वायरस के मद्देनजर अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से परहे•ा करने का आह्वान करते हुए धर्म गुरु कारी सिद्दीक ने बताया की शहरी का समय सुबह 4.18 तक है। इसके बाद रोजा शुरू हो जाएगा। रमजान माह का पहला रोजा शाम 6.33 मिनट पर खत्म होगा। उन्होंने बताया कि रमजान के महीने में गरीबों को जकात देने से काफी सवाब मिलता है।अपने आस पास के लोगो पर न•ार रखे। जरूरतमंदो की मदद करें। इस बाबरकत महीने में सच्चे दिल से तौबा करने पर अल्लाह पिछले गुनाहों को माफ कर देता है। सहरी करने के बाद करें नीयत

अहमद खबीर ने बताया कि सहरी करने के बाद रोजेदार को नीयत करनी है। इसी तरह शाम को इफ्तार के वक्त यह दुआ पढ़नी चाहिए।

सेहत का रखें ध्यान

पवित्र रमजान माह में रोजे रखते वक्त सेहत का भी ध्यान रखें क्योंकि रोजेदारों को लगातार 13 से 14 घंटे तक भूखा-प्यासा रहना पड़ता है। ऐसे में दिनचर्या बदलने से शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। डॉक्टर अहसन कमाल के मुताबिक मधुमेह, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग खुद का विशेष ध्यान रखें।

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