फाइलेरिया से बचाव को 26 से चलेगा अभियान

29.25 लाख आबादी को मिलेगा लाभ घर-घर पहुंचाई जाएगी डोज

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 11:26 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 11:26 PM (IST)
फाइलेरिया से बचाव को 26 से चलेगा अभियान
फाइलेरिया से बचाव को 26 से चलेगा अभियान

सीतापुर : फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत आगामी 26 अप्रैल से स्वास्थ्य विभाग विशेष अभियान आइडीए (आइवरमेक्टिन, डाइ-थाइलकार्बामोजन साइट्रेट और एलबेंडाजोल) शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के तहत 11 मई तक विभागीय टीमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा उपलब्ध कराएंगी। अभियान को लेकर सेहत महकमे ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में सीएमओ ने शुक्रवार को कार्यालय में स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशाला की है। इस अभियान के तहत जिले की करीब 29.25 लाख की जनसंख्या लाभान्वित होगी। स्वास्थ्य कर्मियों की टीमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों को आइवेरमेक्टिन, डीइसी और एलबेंडाजोल की गोली घर-घर जाकर उपलब्ध कराएंगी।

अभियान को लेकर शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में कार्यशाला को संबोधित करते हुए सीएमओ डॉ. मधु गैरोला ने बताया, फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। जिसे लोग हाथी-पांव के नाम से जानते हैं। यह दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर ़फाइलेरिया से जुड़ी दिव्यांगता जैसे लिफोडिमा (पैरों में सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को परेशान होना पड़ता है। इससे पीड़ितों की आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। एसीएमओ डॉ. पीके सिंह ने कहा कि हम में से हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाएं। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि लोग बिना किसी संकोच के अभियान के तहत दी जाने वाली दवा का सेवन करें। कार्यशाला में डॉ. शोएब अनवर ने बताया, स्वास्थ्य विभाग जन जागरूकता के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बीएचडब्ल्यू, एएनएम, आशा एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से अपने सामने दवा खिलाने का कार्य घर-घर जाकर करेंगे। डॉ. उदित मोहन ने प्रशिक्षण के दौरान कर्मियों को बताया कि समुदाय के लोगों में इस बीमारी और इस रोग के इलाज में प्रयोग में आने वाली दवाओं के लाभ के बारे में जानकारी न होने से अधिकतर लोग दवाई का सेवन करने से कतराते हैं। इसलिए टीम में शामिल स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की निगरानी में यह दवा लोगों को खाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। कार्यशाला में सीएचसी अधीक्षक, बीसीपीएम, बीएचईओ और डाटा इंट्री ऑपरेटर भी शामिल हुए।

chat bot
आपका साथी