सड़क पर जलभराव, गंदे पानी में उतरकर प्रदर्शन

मारूबेहड़ चौराहे पर ग्रामीणों ने जताया विरोध

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 11:13 PM (IST)
सड़क पर जलभराव, गंदे पानी में उतरकर प्रदर्शन
सड़क पर जलभराव, गंदे पानी में उतरकर प्रदर्शन

सीतापुर : दो दिनों की बारिश ने मारूबेहड़ चौराहे पर फिर से जलभराव की समस्या बन गई। पिछले दो वर्षों से इस सड़क को सही कराने की मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इससे लोगों में आक्रोश है। शनिवार को सड़क बनवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जलभराव वाले गंदे पानी में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सड़क पर जलभराव और गड्ढे होने की वजह से हादसों की आशंका भी बनी रहती है। लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है लेकिन जिम्मेदार इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

रेउसा विकास खंड के गुरगुजपुर बसंतापुर संपर्क मार्ग पिछले दो वर्षों से काफी जर्जर है। मार्ग पर जलभराव के कारण आमजन को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कईबार जन प्रतिनिधियों से शिकायत के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हुआ है। इस अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने पानी के बीच खड़े होकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है गौलोक कोडर, गुरगुजपुर, जंगल टपरी, बसंतापुर, कुशमौरा आदि गांवों को जोड़ने वाले इस मार्ग से दिनभर में काफी लोग लोग गुजरते हैं। जिनको पानी के बीच से निकलना पड़ता है। जलभराव से आए दिन पानी में बाइक सवार गिरकर चोटिल होते हैं। लोगों ने मार्ग दुरुस्त कराने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों में हाजी शहजाद अली, अब्दुल कलाम, इंतजार अली, शकील अहमद आदि लोग मौजूद रहे। 25 को काली पट्टी बांध शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे स्वास्थ्य कर्मी

सीतापुर : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की वर्चुअल बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में परिषद सभी स्वास्थ्य कर्मचारी 25 मई को काली पट्टी बांधकर शासनादेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। संगठन के मंत्री विनय कुमार सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने, उनके परिवारी जनों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराए जाने और कोविड से मृत होने की दशा में उनके आश्रितों को 50 लाख की धनराशि के लिए समय सीमा तय कर तत्काल सहायता उपलब्ध कराए जाने की मांग की है । अध्यक्ष आलोक मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के विपरीत दिनांक 6 मई को प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा,उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु केवल कोविड चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं सफाई कर्मियों को मूल वेतन नियत मानदेय पर 25 प्रतिशत तथा कोविड-19 सैंपल की जांच हेतु जांच लैब एवं उनसे संबंधित क्षेत्रों में तैनात लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लैब अटेंडेंट को मूल वेतन मानदेय की धनराशि पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि भुगतान किए जाने का शासनादेश निर्गत किया गया है।

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