शौचालय निर्माण में प्रगति कमजोर, डीपीआरओ का जवाब-तलब

सीतापुर शासन ने डीपीआरओ का जवाब-तलब कर लिया है। अन्य जिम्मेदारों का भी उत्तरदायित्व

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 10:45 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 10:45 PM (IST)
शौचालय निर्माण में प्रगति कमजोर, डीपीआरओ का जवाब-तलब
शौचालय निर्माण में प्रगति कमजोर, डीपीआरओ का जवाब-तलब

सीतापुर : शासन ने डीपीआरओ का जवाब-तलब कर लिया है। अन्य जिम्मेदारों का भी उत्तरदायित्व तय कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एक दिसंबर को शासन में हुई समीक्षा में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण-फेज दो में जिले की प्रगति काफी खराब मिली है। समीक्षा में पता चला कि शौचालय निर्माण में काफी कम राजमिस्त्री लगे हैं। इससे प्रगति प्रभावित है।

चालू वर्ष में जिले में कुल 18,200 शौचालय व्यक्तिगत बनने हैं। इनका निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा होना है। मिशन निदेशक ने डीपीआरओ से स्पष्टीकरण मांग लिया है। चेताया है कि जवाब संतोषजनक न हुआ तो विभागीय कार्रवाई होगी। जिला कंसल्टेंट, एडीओ पंचायत, खंड प्रेरक का भी उत्तरदायित्व तय कर उनसे स्पष्टीकरण लेने को मिशन निदेशक ने बोला है। लापरवाही पुष्ट होने पर वेतन-मानदेय बाधित करने के साथ ही संविदा समाप्त करने तक को कहा है।

समीक्षा के बाद दो दिसंबर को मिशन निदेशक अनुज कुमार झा ने डीपीआरओ को आदेश जारी किया है। कहा है कि जिले में 18,200 व्यक्तिगत शौचालय इसी महीने के अंत तक बनने हैं। इसके लिए प्रतिदिन 587 शौचालय बनाए जाने होंगे। ऐसे में हर दिन 1761 राज मिस्त्रियों की जरूरत है लेकिन, डीपीआरओ की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल 171 राज मिस्त्री ही शौचालय बनाने में लगाए गए हैं, जो जरूरत के हिसाब में 9.71 प्रतिशत है। यह हाल तब है जब अपर मुख्य सचिव पंचायती राज ने साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंसिग में भी बार-बार प्रगति बेहतर करने को चेता रहे हैं। ऐसे में यही लगता है कि डीपीआरओ योजना के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण नहीं कर रहे हैं और उच्च स्तर से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। विभागीय कार्यो में अपेक्षित रुचि न लेकर पर्यवेक्षणीय दायित्वों का समुचित निर्वहन नहीं किया जा रहा है। जिला व ब्लाक स्तर पर नियुक्त कंसल्टेंट एवं खंड प्रेरक भी शौचालय निर्माण की प्रगति में रुचि नहीं ले रहे हैं।

chat bot
आपका साथी