कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां तेज

जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी से मजबूत की जा रहीं स्वास्थ्य सेवाएं जुटाए जा रहे संसाधन ऑक्सीजन व कोविड टेस्टिग के हो रहे इंतजाम

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 10:41 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 10:41 PM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां तेज
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां तेज

सीतापुर: कोरोना की तीसरी लहर 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। इसी क्रम में शासन के निर्देश पर जिले में तैयारियां शुरू हो गई हैं। ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।

स्वास्थ्य अधिकारी भी मानते हैं कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर में बहुतों ने अपनों को खोया है। कोरोना ने बहुत कुछ सिखा भी दिया है। महामारी के बीच स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों का भी आकलन हो गया है। इसलिए अब कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव अधिक न रहे, इसके लिए तेजी से तैयारियां हो रही हैं।

शासन से लगभग हर रोज गूगल मीट या वीडियो कांफ्रेंसिग से समीक्षा भी हो रही है। कोविड अस्पताल, जांच यंत्र, बेड दुरुस्त हो रहे हैं। दवाएं, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की व्यवस्था हो रही है। वैसे स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने संबंधी सभी इंतजाम अगले तीन-चार महीने में पूरे हो जाएंगे।

प्रत्येक सीएचसी पर दिया जा रहा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर:

सीएचसी पर एक-एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया जाना है। महमूदाबाद, रेउसा व लहरपुर में कंसंट्रेटर की व्यवस्था हो गई है। इनके अलावा 20 और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था सीएमओ स्तर से हो रही है। जानकार बताते हैं कि यदि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 10 लीटर वाला है तो गंभीर रोगी के लिए एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर्याप्त है। कंसंट्रेटर प्रति मिनट में 10 लीटर ऑक्सीजन बनाता है।

पीकू बना, ऑक्सीजन प्लांट व कोविड टेस्ट लैब बनेगी:

कोरोना की तीसरी से निपटने की तैयारी के संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल अग्रवाल बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर में मुख्य समस्या ऑक्सीजन की हो रही थी, जो अब आगे नहीं रहेगी। ऑक्सीजन प्लांट लग रहा है। कोविड टेस्ट के लिए लैब भी जिला अस्पताल में बनने जा रही है। यह लैब टीवी क्लीनिक के पास खाली जगह पर बनेगी। अस्पताल के चिल्ड़ेन वार्ड में 10 बेड का पीेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) बन गया है। प्रत्येक बेड पर सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई है। वेंटिलेटर हैं। एसी लगा है।

अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की कमी

सीएमएस डॉ. अनिल अग्रवाल बताते हैं कि जिला अस्पताल में मौजूदा समय में तीन बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इसमें डॉ. नंद नथानी, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. राकेश कुमार हैं। इनमें डॉ. नंद नथानी अगले महीने जून में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में, बाल रोग विशेषज्ञ की कमी हो जाएगी।

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