जिला अस्पताल में नाक, कान, गला व नेत्र रोगियों के लिए ओपीडी आज से शुरू

कोविड रोगियों में म्यूकरमाईकोसिस संक्रमण के खतरे को भांपकर शासन ने किया अलर्ट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 11:17 PM (IST)
जिला अस्पताल में नाक, कान, गला व नेत्र रोगियों के लिए ओपीडी आज से शुरू
जिला अस्पताल में नाक, कान, गला व नेत्र रोगियों के लिए ओपीडी आज से शुरू

सीतापुर : जिला अस्पताल में फिलहाल के लिए नाक, कान, गला और नेत्र रोग विभाग की ओपीडी सोमवार से शुरू हो रही है। इसके लिए रविवार शाम तक अस्पताल प्रशासन ने तैयारियां भी पूरी कर ली हैं। अस्पताल में साफ-सफाई के साथ ही सैनिटाइज भी कराया गया है। खुद सीएमएस ने ओपीडी की व्यवस्था का मौका मुआयना कर लिया है। सीएमएस डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया, नाक-कान-गला व नेत्र रोग विभाग की ओपीडी संचालित करने के संबंध में शासन से निर्देश मिले हैं। इसलिए सोमवार से सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक नाक-कान-गला व नेत्र रोगियों के लिए ओपीडी संचालित होगी। इस संबंध में डॉक्टरों को चिकित्सा सेवाएं देने के लिए बताया भी गया है। सीएमएस ने बताया, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की तरफ से कहा गया है कि कोरोना से ग्रसित रोगियों में उपचार के दौरान एवं इलाज के बाद म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण बढ़ा है। इसलिए कोविड रोगियों में नाक-कान-गला व नेत्र रोग की संभावना जताई गई है। चिकित्सक रोगियों में म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण की जांच करेंगे। ऐसे रोगियों के उपचार में ढिलाई न बरतने को बोला गया है। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण के रोगियों की लाइन-लिस्ट राज्य मुख्यालय पर ई-मेल के जरिए सीएमओ से मांगी है। निर्देश दिए हैं कि म्यूकरमाईकोसिस संक्रमण से प्रभावित रोगी को तत्काल एल-3 स्तर के अस्पताल में भर्ती कराया जाए।

दो झोलाछाप गए जेल, दवाखाना भी बंद, ऑपरेशन से डिलीवरी के बाद मर गई थी महिला

सीतापुर : कोतवाली पुलिस ने शनिवार देर शाम कस्बे के समर पॉली क्लीनिक को बंद कराया है। यही नहीं क्लीनिक के दयाशंकर व कुलदीप को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया है। कोतवाल मनोज यादव ने बताया, आठ महीने पहले गर्भवती महिला के मामले में सीएचसी अधीक्षक और मृतका के पति ने मुकदमा लिखाया था। मुकदमे की विवेचना सीओ कर रहे हैं। कोतवाल ने बताया, आरोपितों के विरुद्ध साक्ष्य एकत्र होने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है। पूर्व के मुकदमे में ये दोनों आरोपित वांछित चल रहे थे। उस दौर में यह क्लीनिक ऋचा पॉली क्लीनिक के नाम से संचालित थी। घटना के बाद दयाशंकर व कुलदीप ने क्लीनिक का नाम बदलकर समर पॉली क्लीनिक रख लिया और नए नाम समर पॉली क्लीनिक से हरदोई रोड पर दवाखाना खोल लिया था। मुकदमे में नामजद दयाशंकर फुलवारी गांव का और उसका साथी कुलदीप बलियापुर गांव का है।

झोलाछाप ने ऑपरेशन से करा दी थी डिलीवरी

तत्कालीन कस्बा इंचार्ज रोहित दुबे ने बताया, दयाशंकर व कुलदीप झोलाछाप है। यह लोग रोगियों को गुमराह कर इलाज के नाम पर ठगी करते थे। साल भर पहले 26 सितंबर मछरेहटा क्षेत्र के चांदपुर गांव की गर्भवती आरती देवी की इन लोगों ने अपने क्लीनिक में बड़े ऑपरेशन से डिलीवरी कराई थी। आरती के अधिक गंभीर हो जाने पर झोलाछाप दयाशंकर व उसके साथी कुलदीप ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया था। लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान आरती की मौत हो गई थी।

झोलाछाप व उसके स्टाफ पर हुए थे दो मुकदमे

प्रसव के बाद मृतक आरती के पति संतोष कुमार ने 25 सितंबर 2020 को तहरीर देकर समर पॉली क्लीनिक के कथित डॉक्टर दयाशंकर, कुलदीप कुमार व गुड्डू के साथ ही इनके सहयोगी नर्स सुशीला व दो अन्य नर्सों के विरुद्ध नामजद मुकदमा लिखाया था। 28 सितंबर 2020 को छापेमारी कर सीएचसी अधीक्षक प्रखर श्रीवास्तव ने इसी क्लीनिक के कथित डॉक्टर दयाशंकर, कुलदीप व अन्य सहकर्मियों के विरुद्ध फर्जी नर्सिंग होम चलाने का मुकदमा लिखाया था। अधीक्षक ने बताया, उस समय उन्होंने इस क्लीनिक को सीज कर अपना ताला लगाया था।

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